कृष्ण सुदामा के मिलन को देख रो पडे भक्त गण


कृष्ण सुदामा के मिलन को देख रो पडे भक्त गण

हमारा मन, हमारा भाव बडा निर्मल होना चाहीए, जिसके अन्दर पर हीत की भावना होती है उनके लिए जीवन मे कभी कोई कमी नही होती उसके भडारे भरे रहते है। अगर किसी को दान करो तो किसी को बताओं नही गुप्त दान करो ओर दान करके भुल जाओं, तुम्हारे दान का ध्यान तो गोविन्द रखता हैं और उसका चार गुना फल देता है।

 

कृष्ण सुदामा के मिलन को देख रो पडे भक्त गण

हमारा मन, हमारा भाव बडा निर्मल होना चाहीए, जिसके अन्दर पर हीत की भावना होती है उनके लिए जीवन मे कभी कोई कमी नही होती उसके भडारे भरे रहते है। अगर किसी को दान करो तो किसी को बताओं नही गुप्त दान करो ओर दान करके भुल जाओं, तुम्हारे दान का ध्यान तो गोविन्द रखता हैं और उसका चार गुना फल देता है।

करोडो का बंगले, गाडिया, नौकर चाकर हो पर मन मे अगर संतोष नही हो तो जीवन बेकार है। यह बात पंडित श्री दुर्गेश शास्त्री महाराज ने उदयपुर के ठोकर चौराहा पर स्थित रेलवे ग्राउण्ड मे मुख्य आयोजक धीरेन्द्र सचान एवं मंजु सचान द्वारा आयोजित भागवत कथा के सातवे दिन कथा के समापन मे कही।

कृष्ण सुदामा के मिलन को देख रो पडे भक्त गण

आखिरी दिन की कथा मे राजा परिक्षित को सुक देव जी द्वारा सुनाई जा रही भागवत कथा के अंतिम चरण का वृतान्त सुनाते हुए शास्त्री जी ने सुदामा के चरित्र का वर्णन करते हुए सुदामा का द्वारकाधीश से मिलने जाना, पहरेदारो द्वारा सुदामा को द्वारीका के द्वार पर ही रोक देना और श्रीकृष्ण को सुदामा के आने का पता चलने पर नंगे पैर दोडते हुए बिना पिताम्बर धारण किये अपने परम मित्र सुदामा से मिलने जाना। सुदामा का आतिथ्य का जब वर्णन् किया तो सभी भक्तगण भाव -विभोर हो उठे।

दुर्गेश शास्त्री ने कथा के अन्तिम दिन अपने भजनो की प्रस्तुति और भक्त मण्डली द्वारा ब्रज की होली से भागवत कथा प्रांगण मे ब्रज की होली को जीवन्त कर दिया। कथा के अन्त मे सभी पंडित दुर्गेश शास्त्री, आयोजक एवं भक्तगण ब्रज की होली मे शामिल हुए और भजनो की मनमोहक प्रस्तुतियों के बीच पुष्प होली खेलते हुए खुब आनन्द लिया। कथा विराम के बाद 1 घण्टे तक अनवरत ब्रज की होली भागवत कथा प्रांगण मे भक्त जनो ने खेली ओर पुरे पांडाल मे उपस्थित सभी भक्त निरन्तर श्रीकृष्ण के जयकारे लगाते रहे।

कृष्ण सुदामा के मिलन को देख रो पडे भक्त गण

कथा के मुख्य आयोजक धीरेन्द्र सिंह सचान ने कथा के अंतिम दिन भक्त गणो को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज भले ही कथा का अन्मित दिन हैं लेकिन वास्तविकता मे धर्म की कोई भी कथा कभी समाप्त नही होती। कथा विराम लेती है और फिर से शुरू होती है। ज्ञान की जो रस वर्षा सात दिनो तक ठाकुर जी की इच्छा और दुर्गेश जी शास्त्री की वाणी से हम पर हुई वो वर्षा कल कही और तो परसो कही ओर होगी। ज्ञान की यह गंगा ऐसे ही निरन्तर बहती जायेगी।

पूर्णहुति के साथ आज होगी महाप्रसादी – सचान ने बताया कि ठाकुर जी की असीम कृपा से सात दिन की इस भागवत कथा के सफल आयोजन पर आज सुबह 9 बजे से पूर्णाहूति यज्ञ के साथ महाप्रसादी का आयोजन रखा गया हैं जिसमे सभी प्रभु के सभी भक्त महाप्रसादी का लाभ लेगे।

सर्वसमाज सामूहिक विवाह का आयोजन मई माह मे – श्री राधे रानी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक रमेश सोनार्थी ने यह घोषणा की हैं की भागवत कथा के इस महाआयोजन के पश्चात् 19 मई 2015 को सर्व समाज का एक सामूहिक विवाह का आयोजन किया जायेगा, जिसमे निर्धन एवं असहाय जोडो का विवाह ट्रस्ट के तत्वाधान मे कराया जायेगा।

यह रहे अतिथि – अंतिम दिन की कथा मे ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, पार्षद पारस सिंघवी, समाज सेवी मुरली राजानी अतिथ रहे जिन्हे महाराज श्री ने ओपरणा ओढा एवं भागवत भगवान की तस्वीर देकर आर्शीवाद दिया।

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