भगवान महावीर के जन्म वाचन का श्रवण करने उमड़े श्रद्धालु


भगवान महावीर के जन्म वाचन का श्रवण करने उमड़े श्रद्धालु

श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ जिनालय की ओर से आज हिरण मगरी से. 4 स्थित शांतिनाथ सोमचन्द्र सूरी आराधना भवन में चल रहे पर्युषण पर्व के दौरान आज मुनि प्रवर आत्मरति एंव हितरति महाराज द्वारा भगवान महावीर के जन्म से पूर्व उनकी माता त्रिशला को आये 14 सपनों का वाचन किया गया।

 
भगवान महावीर के जन्म वाचन का श्रवण करने उमड़े श्रद्धालु

श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ जिनालय की ओर से आज हिरण मगरी से. 4 स्थित शांतिनाथ सोमचन्द्र सूरी आराधना भवन में चल रहे पर्युषण पर्व के दौरान आज मुनि प्रवर आत्मरति एंव हितरति महाराज द्वारा भगवान महावीर के जन्म से पूर्व उनकी माता त्रिशला को आये 14 सपनों का वाचन किया गया।

14 सपनों के वाचन का श्रवण करने हजारों की संख्या श्रावक-श्राविकाएं भवन में मौजूद थी। आत्मरति एवं हितरति महाराज ने कहा कि माता त्रिशला को आये ये सपने विश्व के सर्वश्रेष्ठ सपनों में से एक थे। उन्होंने बताया कि माता त्रिशला को गजराज, वृषभ, सिंह, लक्ष्मीजी, दो पुष्पमाला, चन्द्रमा, सूर्य,ध्वज,पूर्ण कलश, लक्ष्मीजी के स्थान के रूप में पद्म सरोवर ,रत्नाकर, देवविमान, रत्न राशि,निर्धुम अग्नि के सपने आयें। इनके पश्चात भगवान महावीर का जन्म हुआ।

धर्मसभा में विशेष रूप से लक्ष्मी जी एंव पद्म सरोवर के सपनों का वाचन सुनने में अत्यधिक उत्साह देखा गया। इस अवसर पर भगवान महावीर को चंवर ढुलाये गये।

संघ अध्यक्ष सुशील बांठिया ने बताया कि माता त्रिशला को आये 14 सपनों एवं भगवान महावीर को पालना में झुलाने के चढ़ावे के रूप में श्रावक-श्राविकाओं द्वारा साढ़े आठ लाख रूपयें से अधिक की बोलियां बोली गई। इस प्राप्त राशि का उपयोग प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्वार मेें किया जाएगा। हितरति महाराज ने कहा कि एक नए मंदिर के निर्माण से आठ गुना अधिक पुण्य प्राचीन मंदिर के जीर्णोद्वार पर मिलता है।

इस अवसर पर एक हजार से अधिक लोगों का स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। भगवान महावीर के जन्म के बाद थाली मादंल बजाने के साथ खुशियंा मनायी गई।

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