नवजात के डायाफ्रामेटिक हर्निया का गीतांजली हॉस्पिटल में हुआ सफल इलाज


नवजात के डायाफ्रामेटिक हर्निया का गीतांजली हॉस्पिटल में हुआ सफल इलाज

गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर एक उच्च स्तरीय टर्शरी सेंटर है जहां एक ही छत के नीचे सभी विश्वस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

 
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गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर का नवजात एवं शिशु रोग विभाग व स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग सभी विश्वस्तरीय सुविधाओं से लेस है। यहाँ निरंतर रूप से जटिल से जटिल इलाज तथा ऑपरेशन कर रोगियों को नया जीवन दिया जा रहा है। पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. निलेश टांक एवं स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण गुप्ता व उनकी टीम के अथक प्रयासों से उदयपुर में फतेह नगर के रहने वाले नवजात शिशु के डायाफ्रामेटिक हर्निया का सफलतापूर्वक इलाज कर उसे नया जीवन प्रदान किया गया। 

गर्भवती महिला जब परामर्श के लिए डॉक्टर अरुण गुप्ता के पास आई तब गर्भ में पल रहे बच्चे की सोनोग्राफी से इस बीमारी के बारे में पता लग गया था। उन्होंने बताया कि नवजात को डायाफ्रामेटिक हर्निया है एवं उसका  ऑपरेशन बच्चा पैदा होने के बाद करना होगा। 

डॉ. निलेश ने बताया कि डिलीवरी के बाद उनकी टीम द्वारा उनका सफल ऑपरेशन किया जायेगा। नवजात को डायाफ्रामेटिक हर्निया था जिसमें पेट और छाती के बीच का पर्दा जन्म से ही नहीं बना था जिसके कारण पेट के सारे अंग छाती में चले गए थे और फेफड़ों का विकास भी नहीं हुआ था। परिवार की सहमति से बच्चे की डिलीवरी हुई, बच्चे की ह्रदय और फेफड़ों में भी दिक्कत थी, बच्चे का ऑपरेशन किया गया। बच्चे का बाएं तरफ का पर्दा नहीं बना था और लीवर, छोटी- बड़ी आंत तथा स्प्लीन सब छाती में चले गये थे जिनको ऑपरेशन द्वारा वापिस पेट में डाला गया और छाती के परदे को बंद किया गया, जिससे फेफड़ों का विकास हो पायेगा। बच्चा अब स्वस्थ है स्वयं से सांस ले पा रहा है और माँ का दूध ग्रहण कर रहा है। 

गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर एक उच्च स्तरीय टर्शरी सेंटर है जहां एक ही छत के नीचे सभी विश्वस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

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