डिजिटल भ्रम का युग: पैरासोशल रिश्ते और बढ़ती चुनोतियाँ
कभी रिश्ते आँखों की भाषा से पहचाने जाते थे, आज स्क्रीन की रोशनी में गढ़े जा रहे हैं। जिस तकनीक ने मनुष्य को दुनिया से जोड़ा है, उसी तकनीक ने उसे अपनों से भी काटना शुरू कर दिया है। इंटरनेट, सोशल मीडिया और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) ने जीवन को सुविधाजनक तो बनाया, लेकिन इसी सुविधा की चकाचौंध में समाज एक ऐसे डिजिटल भ्रम के युग में प्रवेश कर गया है, जहाँ सच्चे रिश्तों की जगह आभासी अपनापन ले रहा है। यही आभासी अपनापन पैरासोशल रिश्ता है, जो आज फ्रॉड की संभावनाएं बढ़ाने वाला एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है।
आज विश्व की लगभग 500 करोड़ से अधिक आबादी किसी न किसी रूप में सोशल मीडिया से जुड़ी हुई है। यह आँकड़ा केवल तकनीकी विस्तार नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का संकेत है। बच्चे, युवा और बुज़ुर्ग हर वर्ग इस डिजिटल प्रवाह में बह रहा है। समस्या तकनीक में नहीं, बल्कि उसके विवेकहीन उपयोग में है। त्वरित परिणाम, तुरंत खुशी और आसान समाधान की चाह ने कई लोगों को AI और सोशल मीडिया को ही मार्गदर्शक, सलाहकार और यहाँ तक कि भावनात्मक सहारा मानने की दिशा में धकेल दिया है।
पैरासोशल रिश्तों का जाल
पैरासोशल रिश्ते मूलतः एकतरफ़ा होते हैं। व्यक्ति किसी यूट्यूबर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, ऑनलाइन वक्ता, डिजिटल माध्यम या AI चैटबॉट से भावनात्मक रूप से जुड़ जाता है, जबकि सामने वाला व्यक्ति या सिस्टम उसे व्यक्तिगत रूप से जानता तक नहीं। धीरे-धीरे यह भावनात्मक जुड़ाव भरोसे में बदलता है और जब यह भरोसा विवेक से परे चला जाता है, तब व्यक्ति के भ्रामक दावों और ग़लत निर्णयों के शिकार होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
आज नकली वीडियो, डीपफेक तकनीक, झूठे पंपलेट, गढ़ी हुई तस्वीरें और भावनात्मक कहानियों के माध्यम से भ्रम फैलाने की घटनाएँ सामने आ रही हैं। चेहरा किसी का और आवाज़ किसी ओर की लगाकर वीडियो तैयार किए जाते हैं। धन दोगुना करने, बीमारी ठीक करने, विवाह कराने, नौकरी दिलाने या जीवन की हर समस्या के त्वरित समाधान जैसे दावे लोगों को गुमराह कर सकते हैं।
फ्रॉड का बढ़ता स्वरूप
आज फ्रॉड केवल एक अपराध नहीं, बल्कि एक संगठित और तकनीकी रूप से परिष्कृत गतिविधि का रूप लेता जा रहा है। रोज़ अनेक लोग झूठी भावनाओं और आभासी रिश्तों के प्रभाव में आकर आर्थिक या मानसिक क्षति झेलते हैं। कोई अपनी जीवनभर की कमाई गंवा देता है, तो कोई भीतर से टूट जाता है। सामाजिक संकोच और भय के कारण कई पीड़ित अपनी बात सामने नहीं रख पाते।
दुःखद सच्चाई यह है कि आज सच शांत दिखाई देता है। जबकि झूठ अधिक आकर्षक लगता है। झूठ को भावनात्मक भाषा, मधुर संगीत और तकनीकी चमक के साथ प्रस्तुत किया जाता है। शीशे में दिखने वाले रिश्ते हमेशा भीतर से खोखले होते हैं, कई बार वास्तविक रिश्तों से अधिक प्रभावी प्रतीत होने लगता है।
रिश्तों का टूटता ताना-बाना
डिजिटल भ्रम का सबसे गंभीर परिणाम है मानवीय रिश्तों का कमजोर होना। विवाह, माता-पिता, भाई-बहन, बच्चे, बुज़ुर्ग और मित्र इन रिश्तों में संवाद और संवेदनशीलता कम होती जा रही है। एक ही घर में रहने वाले लोग आपस में कम और स्क्रीन से अधिक जुड़ाव महसूस करने लगे हैं। यदि यही प्रवृत्ति बनी रही, तो समाज में संवेदनशीलता का क्षरण होना तय है। मनुष्य का जुड़ाव धीरे-धीरे मनुष्य से कम और मशीनों से अधिक होने लगेगा, जो सामाजिक संतुलन के लिए एक चेतावनी है।
सरकार और समाज की भूमिका
यह केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक चुनौती है। आवश्यक है कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स पर फैलने वाली भ्रामक जानकारियों, डीपफेक और भावनात्मक दावों को लेकर सतर्कता बढ़ाई जाए। कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन, तकनीकी समझ और जागरूकता तीनों का संतुलन आवश्यक है।
साथ ही, जन-जागरूकता समय की सबसे बड़ी ज़रूरत हैं। स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों और सामाजिक मंचों के माध्यम से यह समझ विकसित करनी होगी कि हर आकर्षक संदेश सत्य नहीं होता। आज डिजिटल साक्षरता उतनी ही आवश्यक है, जितनी सामान्य शिक्षा।
नया साल-नया संकल्प
नया साल केवल तारीख़ बदलने का नाम नहीं, बल्कि आत्ममंथन और दिशा तय करने का अवसर है। इस नए वर्ष में हमें संकल्पित होना होगा कि -
- तकनीक का उपयोग विवेक और संतुलन के साथ करेंगे।
- हर डिजिटल संदेश और दावे को जाँच-परख के बाद ही स्वीकार करेंगे।
- अपने वास्तविक रिश्तों को समय, संवाद और सम्मान देंगे।
- बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत और विवेकशील बनाएँगे और सत्य के पक्ष में सजग रहेंगे।
तकनीक मानवता की सेवा के लिए है, मानवता को पीछे छोड़ने के लिए नहीं। यही समझ और जागरूकता हमें एक संतुलित, सुरक्षित और संवेदनशील समाज की ओर ले जा सकती है। नया साल तभी वास्तव में नया होगा, जब हम अपने सोचने, समझने और जीने के तरीके को भी नया बनाएँ।
#UdaipurTimes #UdaipurTimesNews #UdaipurTimesOfficial #UdaipurNews #DigitalIllusion #ParasocialRelationships #DigitalFraud #OnlineScams #SocialMediaImpact #AIandSociety #OnlineSafety #DigitalLiteracy #VirtualRelationships #TechnologyAndHumanity #DeepfakeThreat #CyberAwareness #SocialMediaTruth #DigitalResponsibility
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal
