सफलता के पीछे अनुशासन आवश्यकः मुनि प्रसन्न कुमार
उदयपुर। मुनि प्रसन्न कुमार ने कहा कि राष्ट्र,समाज,परिवार, संस्था, धर्म संघ, मर्यादा अनुशासन के बिना सफल नहीं होते है। वे आज टेंलेेंट सी. सै. स्कूल में आयोजित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के दूसरे दिन शिक्षक-विद्यार्थी वर्ग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति निर्माण कार्य में भी अनुशासन की प्रमुखता रहती है।
उदयपुर। मुनि प्रसन्न कुमार ने कहा कि राष्ट्र,समाज,परिवार, संस्था, धर्म संघ, मर्यादा अनुशासन के बिना सफल नहीं होते है। वे आज टेंलेेंट सी. सै. स्कूल में आयोजित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के दूसरे दिन शिक्षक-विद्यार्थी वर्ग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति निर्माण कार्य में भी अनुशासन की प्रमुखता रहती है।
किसी भी विशिष्ठ उपलब्धि के पीछे मर्यादित अनुशासन जीवन शैली का सहयोग रहता है। आत्मानुशासन के लिये परनुशासन यानि थोपे हुए अनुशासन की जरूरत नहीं होती है। विवेक और आध्यात्मक सम्पन्न व्यक्ति ही आत्मानुशासित हो सकते है।
उन्होेंने कहा कि उत्श्रृंखल, स्वच्छंद के लिये अनुशासन गुलामी का कारण बनता है। जितले भी लोग सफल हुए हे। उनके पीछे अनुशासन को सहन करना रहा है। अनुशासन का पालन नहीं करना, उसका सदैव खतरा बना रहता है। वह अपराधी, आतंकी, भ्रष्टाचारी, चरित्रहीन बन सकता है। धर्मगुरू कहलाने वाले भी अर्मायादा के कारण अपराधी बन जाते है।
इस अवसर पर समिति अध्यक्ष डाॅ. निर्मल कुणावत ने भी अपने विचार रखें। कार्यक्रम में गणेश डागलिया,आर के जैन,बी पी जैन,एच एल कुणावत, एस पी मेहता, प्रकाश सुराणा, अरुण कोठारी, सुनील खोखावत, डॉ.आर एस नैनावटी, राकेश कुमावत, सीमा कुमावत, सुरेन्द्र बबेल, राजेन्द्र सेन, एन एस खामेसरा, विजय लक्ष्मी नैनावटीे, कांता कोठारी, डाॅ.सुरेन्द्र छंगाणी मौजूद थे।
अणुव्रत समिति उदयपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में टेंलेंट स्कूल के विद्यार्थियों में विद्यालय में पौधरोपण कर उसकी मुनि प्रसन्न कुमार खमेसरा के सामनें पौध संरक्षण की शपथ ली।
समिति के अध्यक्ष डाॅ. निर्मल कुणावत ने बताया कि बच्चों ने विभिन्न किस्मों के पौधों का रोपण कर मुनि श्री के समक्ष शपथ ली। इस अवसर पर कुणावत ने पौधरोपण का महत्व बताया।
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