पिछोला के अमरकुंड क्षेत्र से झील मित्र संस्थान,झील संरक्षण समिति,मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट एवम् गांधी मानव कल्याण सोसायटी के सयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रमदान में बड़ी मात्रा में जलीय खरपतवार, पॉलीथिन, शराब पानी की बोतले, मांस अवशेष व सड़ी गली घरेलु सामग्री निकाली गई।
श्रमदान में रमेश चंद्र राजपूत, मानव सिंह, दिगम्बर सिंह, विनोद पालीवाल, दीपेश सोनी,तेज शंकर पालीवाल व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया। श्रमदान पश्चात आयोजित सम्वाद में गणेश पूजा के पश्चात मूर्ति विषर्जन व पूजन सामग्री झीलो के बजाय प्रशासन द्वारा निर्धारित कुंडो में ही विसर्जित करने का आग्रह किया गया।
सीवर व सेप्टिक टैंक सफाई में सुरक्षा के साधन उपलब्ध हो
जल विज्ञानी अनिल मेहता ने कहा कि सेप्टिक टैंक खाली करने और सीवर लाइन संधारण में सफाई कर्मी बिना सुरक्षा साधनों के कार्य करते है। विषैली गैसों से उनके जीवन को खतरा रहता है। ऐसे में उच्च कोटि के मास्क, गेस डिटेक्टर, आपात सुरक्षा के समस्त साधनों के साथ ही यह कार्य संपादित होने चाहिए। इसके लिए सफाई कार्मिको का सेफ्टी प्रशिक्षण भी जरूरी है।
झील प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि झील के किनारे पर सिवर लाईन में कईं जगह झील के पानी का रिसाव हो रहा है। गत वर्ष झील प्रेमियों और नगर निगम के अधिकारीयो ने रात्री को सिवर लाईन का निरषण किया और पाया की हर रोज करोड़ों लिटर झील का शुद्ध पानी रोज व्यर्थ बह कर बरबाद हो रहा है। अभी झील पुरी भरी हुई हैं, यह उचित समय है कि सिवर लाईन में व्यर्थ बह रहे पानी को रोकने का प्रयास किया जाय।
समाज विज्ञानी नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि दिल्ली में कचरे के ढेर से हुए हादसे के बलीचा शहरी कचरा निस्तारण स्थल को आवश्यक वैज्ञानिक व तकनीकी से युक्त बनाया जाये ताकि शहरी कचरे का पर्यावरणीय मापदण्डों के अनुरूप निस्तारण हो।