दी ब्लैक मनी एक्ट पर परिचर्चा


दी ब्लैक मनी एक्ट पर परिचर्चा

चार्टर्उ अकाउन्टेन्ट एवं रोटरी के पूर्व प्रान्तपाल निर्मल सिंघवी ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में पारीत किये गये दी ब्लैक मनी अघोषित विदेशी आय एवं सम्पति पर करारोपण अधिनियम-2015 के तहत अब० किसी भी निवासी भारतीय की विदेशों में अघोषित आय एवं सम्पति पर तीस प्रतिशत कर एवं नब्बे प्रतिशत पेनल्टी मिलाकर एक सौ बीस प्रतिशत कर लगेगा।

 

दी ब्लैक मनी एक्ट पर परिचर्चा

चार्टर्उ अकाउन्टेन्ट एवं रोटरी के पूर्व प्रान्तपाल निर्मल सिंघवी ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में पारीत किये गये दी ब्लैक मनी अघोषित विदेशी आय एवं सम्पति पर करारोपण अधिनियम-2015 के तहत अब० किसी भी निवासी भारतीय की विदेशों में अघोषित आय एवं सम्पति पर तीस प्रतिशत कर एवं नब्बे प्रतिशत पेनल्टी मिलाकर एक सौ बीस प्रतिशत कर लगेगा।

यह जानकारी सीण् एण् निर्मल सिंघवी ने रोटरी बजाज भवन में आयोजित परिचर्चा में आज प्रदान करी । सिंघवी ने बताया की यह ब्लैक मनी एक्ट राष्ट्रपति द्वारा 26 मईए 2015 को अनुमोदित हो गया एवं 1 अप्रैल 2015 से लागु हो गया । उन्होंने बताया की इस अधिनियम के अंतर्गत स्वेच्छिक घोषणा का विकल्प भी दिया गया है जिसके अनुसार किसी भी भारतीय निवासी की विदेश में अघोषित सम्पति एवं आय की व सिर्फ 30 प्रतिशत कर एवं 30 प्रतिशत पेनल्टी देकर आयकर आयुक्त के पास नियत तिथि तक घोषणा पत्र भर के इस तरह कुल साठ प्रतिशत कर एवं पेनल्टी भरने से इस अधिनियम के कठोर प्रावधानों से मुक्ति पा सकता है ।

सिंघवी ने बताया की इस अधिनियम से हालाकि विदेशो में अघोषित भारतीय धन यहाँ आ सकेगा किन्तु अधिनियम के कठोर प्रावधानों के अनुसार एक सो बीस प्रतिशत कर दृ शास्ति बहुत अधिक होने से अनुपालना की कमी रहने की सम्भावना है ।

जिन निवासी भारतीय करदाता की 01ण्04ण्15 बाद अघोषित विदेशी सम्पति एवं आय पकड़ी गयी तो उन्हें भविष्य में कुल एक सो बीस प्रतिशत कर व शास्ति देय होगी एवं छ: महीने से सात वर्ष तक सजा के प्रावधान भी है । अत: उन्होंने बताया की ऐसे अघोषित आयध् सम्पति वाले भारतीय करदाता को स्वेच्छिक घोषणा स्कीम के अंतर्गत साठ प्रतिशत करध् शास्ति देकर सजा एवं अतिरिक्त शास्ति से मुक्ति मिलेगी । इस अवसर पर आरम्भ में क्लब अध्यक्ष डॉण् बीण् एलण् सिरोया ने सभी का स्वागत किया एवं डॉण् एनण् केण् धींग क्लब सचिव ने धन्यवाद दिया । परिचर्चा में उपस्थित वक्ताओ ने यह निष्कर्ष निकला की राजनितिक तौर पर सरकार की इच्छा शक्ति के अनुरूप विदेशी धन लेन हेतु यह ब्लैक मनी अधिनियम लागु किया गया हैए परन्तु इतने कठोर प्रावधान एवं उच्च कर ध् शास्ति दर एवं सजा की वजह से बाद में इसकी अनुपालना कठिन लग रही है ।

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