भागवत् कथा के ग्यारवे दिन हनुमान राम मिलन की दिव्य प्रस्तुति


भागवत् कथा के ग्यारवे दिन हनुमान राम मिलन की दिव्य प्रस्तुति

जगत् शिरोमणी मंदिर में चल रही भागवत कथा के 11वे दिन पं. भाई श्री स्कन्दकुमार पण्ड्या ने सीता हरण का मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि ’’जहां राम नही वहां काम, जहां काम वहां राम नहीं बिराजते’’।

 

भागवत् कथा के ग्यारवे दिन हनुमान राम मिलन की दिव्य प्रस्तुति

जगत् शिरोमणी मंदिर में चल रही भागवत कथा के 11वे दिन पं. भाई श्री स्कन्दकुमार पण्ड्या ने सीता हरण का मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि ’’जहां राम नही वहां काम, जहां काम वहां राम नहीं बिराजते’’।

जहां श्रीराम बिराजते है वहां काम आ नही सकता। भक्ति को व्यसन बनाने का आग्रह करते हुए पड्या ने कहा कि जिसके बिना रहा ना जा सके ऐसा आध्यात्मिक नियम ही मनुष्य को क्रमिक उत्तरोत्तर ईश्वर प्रेम रसास्वादन करवा सकता है। मनुष्य एक कदम आगे बढ़ाता है तो ईश्वर दस कदम दौड़कर जीव को गले लगा लेते है।

विवेक नगर, सेक्टर 3, में चल रही भागवत् कथा के ग्यारवे दिन पं. भाई श्री स्कन्दकुमार पण्ड्या ने हनुमान राम मिलन की दिव्य प्रस्तुति देते हुए कहा कि दासस्य भाव से हृदय दीन बनता है और दीन बनकर जो सेवा की जाती है वही सच्ची सेवा है। प्रथम चरणाविन्द का, फिर मुखारविन्द का, अंत में सर्वांग का ध्यान करने वाला भक्त दिव्य अनुभूति करता है।

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