डॉ. गुलाब कोठारी को जनार्दनराय नागर संस्कृति अलंकरण अलंकरण से नवाजा गया


डॉ. गुलाब कोठारी को जनार्दनराय नागर संस्कृति अलंकरण अलंकरण से नवाजा गया

राजस्थान पत्रिका (पत्रिका समूह) के प्रधान सम्पादक डॉ. गुलाब कोठारी को जनार्दनराय न

 
डॉ. गुलाब कोठारी को जनार्दनराय नागर संस्कृति अलंकरण  अलंकरण से नवाजा गया

राजस्थान पत्रिका (पत्रिका समूह) के प्रधान सम्पादक डॉ. गुलाब कोठारी को जनार्दनराय नागर संस्कृति अलंकरण समर्पण पुरस्कार ‘‘संस्कृति रत्न पुरस्कार से बुधवार को राजस्थान विद्यापीठ के प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में कुलाधिपति एच.सी. पारख, कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर, कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, प्रसार भारती नई दिल्ली के निदेशक डॉ ए. सूर्यप्रकाश, सांसद अर्जुन लाल मीणा, राज्य सभा सांसद डी.पी. त्रिपाठी, समाजसेवी अशोक वाजपेयी, रजिस्ट्रार प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने पुरस्कार से नवाजा।

पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र, उपरणा, पगड़ी एवं एक लाख रू. का चेक एवं जनुभाई द्वारा रचित ग्रंथ शंकराचार्य की प्रतियां भेट की गई।

कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि डॉ. गुलाब कोठारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अध्यात्मिक ज्ञान जीवन की एक सबसे बड़ी आवश्यकता है, इस देश में ज्ञान से ज्यादा पवित्र कोई चीज हो ही नहीं सकती। शंकराचार्य ने कहा था कि ज्ञान के अलावा इस दुनिया में कुछ नहीं है। जिन व्यक्ति ने शरीर, मन, बुद्धि एवं आत्मा चारों धरातल को समझ लिया वह भगवान हो गया।

उन्होने शिक्षा को अध्यात्म से जोड़ने की अपील करते हुए कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि माता पिता अपने बच्चों में संस्कारेां के बीज डाले। आज की भावी पीढ़ी पश्चिमि संस्कृति की ओर अग्रसर हो भारतीय संस्कृति को भुलता जा रहा है। जिन्दगी का पर्याय है संस्कृति – मनुष्य प्राणी मात्र जो साहित्य को लेकर सुसंस्कृत हो रहे है उसी का नाम संस्कृति है। उन्होने संस्कृति शिक्षण के लिए विद्यापीठ को डिग्री कोर्स शुरू करने का सुझाव दिया।

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