रूढ़ीवादी परम्परा के विरूद्ध रहे डॉ. किशन भटनागर का देहदान
जीवन भर रूढ़ीवादी परम्परा के विरूद्ध रहे 86 वर्षीय डॉ. किशन भटनागर का आज निधन हो गया। उनके परिजनों ने उनकी अंतिम ईच्छानुसार की उनकी देह को आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एनाटोमी विभाग के मेडिकल छात्रों के अध्ययन हेतु दान की।
जीवन भर रूढ़ीवादी परम्परा के विरूद्ध रहे 86 वर्षीय डॉ. किशन भटनागर का आज निधन हो गया। उनके परिजनों ने उनकी अंतिम ईच्छानुसार की उनकी देह को आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एनाटोमी विभाग के मेडिकल छात्रों के अध्ययन हेतु दान की।
उनके परिजनों ने बताया कि यर्थार्थ में जीवन जीने वाले स्व.भटनागर आजीवन छात्रों के भविष्य को संवारने में लगे रहे इसी कारण वे छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय रहे। स्व. भटनागर के बड़े भाई सोहनलाल भटनागर 10 वर्षो तक सलूम्बर विधायक रहे। स्व. भगनागर ने अपनी स्कूली शिक्षा फतहस्कूल से, कॉलेज शिक्षा एमबी कॉलेज एवं दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से पूरी की थी।
1952 में शिक्षक के रूप में अपना केरियर शुरू करने वाले स्व. भटनागर सेवानिवृत्ति के बाद मुस्कान क्लब से जुडक़र अंत तक उसके सक्रिय सदस्य बने रहे। स्व. भटनागर ने अपना नेत्रदान भी किया। वे अपने पीछे पुत्र,पुत्रवधु, पौत्र एवं पौत्री सहित भरापूरा परिवार छोड़ गये।
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