डॉ कुंजन आचार्य के कविता संग्रह ‘यह सदी निरुत्तर है’ का दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में लोकार्पण


डॉ कुंजन आचार्य के कविता संग्रह ‘यह सदी निरुत्तर है’ का दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में लोकार्पण

युवा कवि एवम मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉ कुंजन आचार्य के नए कविता संग्रह 'यह सदी निरुत्तर है' का लोकार्पण दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले में समारोहपूर्वक हुआ। बोधि प्रकाशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में लोकार्पण आकाशवाणी व ज्ञानपीठ के पूर्व महानिदेशक वरिष्ठ कवि लीलाधर मण्डलोई तथा प्रख्यात व्यंग्यकार प्रेम जनमेज ने किया।

 

डॉ कुंजन आचार्य के कविता संग्रह ‘यह सदी निरुत्तर है’ का दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में लोकार्पण

युवा कवि एवम मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉ कुंजन आचार्य के नए कविता संग्रह ‘यह सदी निरुत्तर है’ का लोकार्पण दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले में समारोहपूर्वक हुआ। बोधि प्रकाशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में लोकार्पण आकाशवाणी व ज्ञानपीठ के पूर्व महानिदेशक वरिष्ठ कवि लीलाधर मण्डलोई तथा प्रख्यात व्यंग्यकार प्रेम जनमेज ने किया।

इस अवसर पर लीलाधर मंडलोई ने कहा कि आज लेखक के सामने आज नए जमाने की कई चुनौतियां खड़ी हुई है जिसे वह अपने धारदार लेखन से ही ठीक कर सकता है। डिजिटल दौर में भी छपे हुए शब्दों की अहमियत कभी खत्म नहीं होगी और इन शब्दों की अहमियत को कायम रखने के लिए सभी कलाकारों को ऊर्जावान लेखन करना होगा।

प्रेम जनमेजय ने कहा कि प्रकाशन का क्षेत्र तकनीकी तौर पर बहुत व्यापक हो गया है लेकिन अर्थपूर्ण एवं संदेश परक लेखन आज भी महत्वपूर्ण जरूरत है। दोनों अतिथियों ने डॉ कुंजन आचार्य को उनके नई कविता संग्रह के लिए शुभकामनाएं दी।

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बोधि प्रकाशन के निदेशक माया मृग ने कार्यक्रम से पूर्व कवि एवं कविता संग्रह का परिचय दिया। बनवारी कुमावत राज ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली के डॉ दुर्गेश त्रिपाठी, एफटीएम विश्वविद्यालय मुरादाबाद के डॉ राजेश शुक्ला, दिल्ली विश्वविद्यालय की डॉ सारिका कालरा, ऊर्जा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी नितिन भट्ट ने भी पुस्तक पर चर्चा की।

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