अमेरिका के डाॅ. विलियम एन्द्रूज़ ने अत्याधुनिक इम्प्लांट से किया गीतांजली में जोड़ प्रत्यारोपण
बुधवार को गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल, उदयपुर के अस्थि रोग विभाग में डीजेओ पावर मोशन के संयुक्त तत्वावधान में 3-डी जोड़ प्रत्यारोपण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ।
बुधवार को गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल, उदयपुर के अस्थि रोग विभाग में डीजेओ पावर मोशन के संयुक्त तत्वावधान में 3-डी जोड़ प्रत्यारोपण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ।
इस कार्यक्रम में अमेरिका के चीफ आॅर्थोप्लास्टीक सर्जन डाॅ. विलियम एन्द्रूज़ हाॅज ने स्वयं द्वारा आविष्कृत डीजेओ 3-डी जोड़ प्रत्यारोपण को रोगी के दोनों घुटनों में प्रत्यारोपित कर लाईव प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि यह प्रत्यारोपण सामान्य मानुष्य के घुटनों की तरह ही व्यवहार करता है। यह न केवल उपर व नीचे की ओर भी मूड़ सकता है बल्कि 15 डिग्री दाएं व बाएं भी मूड़ सकता है जिसके कारण प्रत्यारोपण के बाद रोगी पालती लगाकर भी बैठ सकता है तथा खेलकूद भी सामान्यतौर पर कर पाता है। इसके साथ ही, इसमें अन्य प्रत्यारोपण की अपेक्षा 57 प्रतिशत कम घिसावट होती है और यह ऊत्तकों को बहुत कम नुकसान पंहुचाता है एवं सर्जरी के दौरान हड्डी को कम काटना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इसका जीवनकाल लगभग 25 वर्ष का है, जो अन्य की तुलना में अत्यधिक है।
गीतांजली के अस्थि रोग विशेषज्ञ डाॅ. रामावतार सैनी ने बताया कि दक्षिणी राजस्थान में केवल गीतांजली में ही अभी तक यह प्रत्यारोपण उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक एक वर्ष में 50 रोगियों का प्रत्यारोपण किया जा चुका है, जिसके परिणाम बहुत बेहतर है।
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