डॉ. शूरवीरसिंह भाणावत को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र का पुरस्कार


डॉ. शूरवीरसिंह भाणावत को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र का पुरस्कार

सुखाड़िया विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंध अध्ययन संकाय में लेखा एवं सांख्यिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शूरवीरसिंह भाणावत को राजकोट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार में उनके शोधपत्र ‘‘अंशधारियों के सम्पदा का निर्धारण के लिए पूर्वानुमान मॉडल के खोज में’’ को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र का पुरस्कार प्रदान किया गया। शोधपत्र के सह लेखक प्रो. डी.एस. चूण्डावत थे।

 

डॉ. शूरवीरसिंह भाणावत को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र का पुरस्कार

सुखाड़िया विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंध अध्ययन संकाय में लेखा एवं सांख्यिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शूरवीरसिंह भाणावत को राजकोट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार में उनके शोधपत्र ‘‘अंशधारियों के सम्पदा का निर्धारण के लिए पूर्वानुमान मॉडल के खोज में’’ को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र का पुरस्कार प्रदान किया गया। शोधपत्र के सह लेखक प्रो. डी.एस. चूण्डावत थे।

सौराष्ट्र विश्वविद्यालय द्वारा राजकोट में 5-6 जनवरी को भारतीय लेखांकन परिषद के 35वें वार्षिक अधिवेशन में लेखांकन शिक्षा एवं अनुसंधान पर अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार एवं अखिल भारतीय लेखांकन कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। इसमें देश के 25 राज्यों एवं 7 देशों से 950 विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया। कान्फ्रेंस में 300 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। समापन समारोह में गुजरात के वित्त, श्रम, रोजगार तथा यातायात मंत्री वजुभाई वाला ने सर्वश्रेष्ठ पत्र वाचक डॉ. शूरवीरसिंह भाणावत को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। सेमीनार सचिव प्रो. प्रतापसिंह चौहान ने बताया कि डॉ. भाणावत ने अपने शोधपत्र में भावी निवेशकों के लिए अंशधारियों की सम्पदा के निर्धारण के लिए एक मॉडल (प्रतिरूप) विकसित किया है। कोई भी भावी निवेशकर्ता यदि किसी भी निर्माणी कंपनी में निवेश करने से पूर्व उस कंपनी के अंशधारियों की संपदा का पूर्वानुमान लगाना चाहे तो वह डॉ. भाणावत द्वारा विकसित इस प्रतिरूप का उपयोग कर सकता है। अंशधारियों की सम्पदा का निर्धारण इकोनोमी वेल्यू एडेड (ईवीए) के माध्यम से किया जाता है।

इस प्रतिरूप के माध्यम से ईवीए का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। यह माप लेखांकन के क्षेत्र में आधुनिक सर्वग्राही माप माना जाता है। इस तकनीक की खोज अमेरिका की सलाहकार फर्म स्टर्न स्टाकर्ट ने की थी। डॉ. भानावत ने यह मॉडल निर्माणी क्षेत्र की 54 कंपनियों के 5 सालों के 37 वित्तीय चरमूल्यों को आधार बनाकर विकसित किया। इस प्रतिरूप का जब परिक्षण किया गया तो सांख्यिकीय परिक्षण में वैद्य पाया गया।

इस अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार में उदयपुर से प्रो. जी. सोरल, डॉ. हनुमान प्रसाद, डॉ. शिल्पा वर्डिया, मुकेश वर्मा, तथा शोध छात्र भूपेश, प्रशांत एवं सीए नेहा वटियानी ने भाग लिया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags