तारक मेहता (शैलेश लोढा) के साथ डॉ स्वाति लोढा का साक्षात्कार
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होटल रेडिसन ब्लू में प्रभा खैतान फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘cultural rendezvous’ कार्यक्रम के तहत डॉ स्वाति लोढा ने अपनी लिखीहुई पुस्तक Don’t Raise Your Children, Raise Yourself ” पर अपने ही पति और मशहूर कवि, एंकर और टीवी कलाकार शैलेश लोढा (तारक मेहता का उल्टा चश्मा नामक टीवी सीरियल में तारक मेहता का किरदार निभाने वाले) से रूबरू हुयी
हिंदी में एक बात तेरी एक बात मेरी नामक शीर्षक से कविता भी लिख चुकी डॉ स्वाति लोढा ने मून (चन्द्रमा), नक्षत्र और पेरेंटिंग (परवरिश) में सम्बन्ध बताते हुए कहा जिस प्रकार चाँद की एक पूरी प्रक्रिया होती है कैसे वह पहली के चाँद से अपने उरूज़ तक यानि पूर्ण चंद्रमा बनता है पुनः घटते घटते अमावस तक पहुँचता है उसी प्रकार माँ बाप भी बच्चो की देखभाल बचपन में पूर्ण चन्द्र बनकर करते है फिर धीरे धीरे बच्चे जब बड़े होने लगते है पेरेंट्स अमावस की तरह लुप्त हो जाते है और फिर जब बच्चो को माँ बाप की ज़रुरत होती वह फिर से उनकी ज़िन्दगी में प्रवेश करते है।
डॉ स्वाति लोढा के अनुसार आजकल अभिभावकों की एक सामान्य समस्या है की उनके बच्चे उनका कहना नहीं मानते जो की अभिभावकों की नज़र में अनादर कहलाता है क्योंकि हमारी नज़र में आदर की परिभाषा यही है की अगर कोई अपने माँ बाप की बात न माने तो वह अवज्ञाकारी है जबकि ऐसा नहीं होता है। हमें बच्चो का दोस्त नहीं बल्कि मित्रवत व्यवहार किया जाना चाहिए ताकि चीज़े बेहतर हो सके। अभिभावकों को अपने बच्चो पर कंट्रोल करना चाहिए लेकिन एक जासूस बनकर नहीं। और ना ही अपने बच्चो से या किसी ओर से अत्यधिक अपेक्षा रखनी चाहिए ज़्यादा अपेक्षा ही निराश या दर्द देती है।
कार्यक्रम में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ प्रभा खैतान फाउंडेशन के सदस्यगण, डॉ स्वाति और शैलेश लोढा के माता पिता भी मौजूद थे। कार्यक्रम के बाद शैलेश लोढा ने फैंस को ऑटोग्राफ भी दिए और अपनी वाक् पटुता शैली से मनोरंजन भी कराया।
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