शहर और समाज के विकास का देखे सपना: वेद व्यास


शहर और समाज के विकास का देखे सपना: वेद व्यास

‘‘अपने शहर और शहरवासियों के विकास और उत्थान का सपना देखें, उसका ब्लू प्रिंट (खाका) तैयार करें तथा उसे हकीकत में बदलने के लिये पुरजोर प्रयास करें। प्रबुद्धजनों द्वारा किया जाने वाला निःस्वार्थ प्रयास शहर के विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।’’ उपरोक्त विचार श्री वेद व्यास ने उदयपुर सिटीजन सोसायटी की बैठक में व्यक्त किये।

 

शहर और समाज के विकास का देखे सपना: वेद व्यास

‘‘अपने शहर और शहरवासियों के विकास और उत्थान का सपना देखें, उसका ब्लू प्रिंट (खाका) तैयार करें तथा उसे हकीकत में बदलने के लिये पुरजोर प्रयास करें। प्रबुद्धजनों द्वारा किया जाने वाला निःस्वार्थ प्रयास शहर के विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।’’ उपरोक्त विचार श्री वेद व्यास ने उदयपुर सिटीजन सोसायटी की बैठक में व्यक्त किये।

उदयपुर सिटीजन सोसायटी की बैठक का आयोजन क्रिमसन पार्क होटल में किया गया। राजस्थान साहित्य अकादमी के पूर्वाध्यक्ष एवं राजस्थान प्रगतिशील संघ के अध्यक्ष श्री वेद व्यास बैठक में मुख्य अतिथि थे। श्री व्यास ने सोसायटी के उद्देश्यों और सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि 60 वर्ष की आयु के उपरान्त व्यक्ति का नया जन्म होता है एवं व्यक्ति स्वयं के लिये जीने के बजाय समाज के लिये कुछ करने एवं समाज को देने की मंशा के साथ जीना शुरू करता है। वास्तविक जीवन तो सेवा निवृति होने के बाद ही शुरू होता है। उदयपुर सिटीजन सोसायटी शहर के विकास के लिये प्रबुद्धजनों के थिंक टैंक का दुर्लभ से दुर्लभतम उदाहरण है। श्री व्यास ने सोसायटी के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप उम्र के उस पड़ाव पर है जबकि आपको अपने सपने और सोच नई पीढ़ी को सौंप देने चाहिए जिससे वे जिन्दा रहें और उन पर आगे कार्य हो सके। सोसायटी के संस्थापक सदस्यों में से एक स्वर्गीय श्री राजेन्द्र मल कुम्भट के साथ अपने संस्मरणों को साझा करते हुए श्री वेद व्यास ने अपने सम्बोधन में निम्नानुसार विचार रखे “पैसा कमाना एक हुनर है, किन्तु समाज में अपने सेवा कार्यो से अपनी पहचान बनना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। केन्द्र एवं राज्य सरकारें तथा नगर परिषद् केवल 5 वर्ष का सपना लेकर चलती हैं। इस कारण से विकास की प्रक्रिया सतत् जारी नहीं रह पाती है। राजस्थान के इतिहास में सती, संत और सूरमा तो बहुत पैदा हुए हैं, किन्तु निस्वार्थ भाव से राजस्थान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला कोई विकास पुरूष नहीं। जब तक विकास अथवा परिवर्तन को लेकर आपका कोई विजन या सपना नहीं होगा, तब तक उसे मूर्तरूप प्रदान नहीं किया जा सकेगा। सपना वही देख सकता है जिसके जीवन में रचनात्मकता होती है। सकारात्मक दृष्टिकोण एवं पारदर्शी जीवन वाला व्यक्ति ही बिना किसी स्वार्थ के निष्काम भाव से दीनहीन एवं वंचित वर्ग की सेवा को तत्पर हो सकता है। अपने सपने का साकार रूप देने के लिये स्वयं को, स्वयं के स्वभाव को बदलना होता है। आप अपना क्षेत्र तय करें, विकास की योजना का रोड़ मैप तैयार करें तथा इस प्रकार कार्य करें कि आने वाली पीढि़यां आपको और आपके कार्य को सदैव याद करें। शहर के विकास के लिये प्राथमिकताएं तय करें। भौतिक विकास, नैतिक विकास, आध्यात्मिक विकास के साथ ही सद्भाव का विकास आवश्यक है। हम 21वीं शताब्दी के टेक्नोलोजी युग में रह रहे हैं जिसमें मानवता एवं बन्धुत्व समाप्त हो गया है। आमजन समाज कंटको से भयभीत है। शहर के विकास का अर्थ केवल सड़कें, पुल, इमारतें, बिजली, मॉल आदि ही नहीं है बल्कि शहरवासियों का सुख, शांति एवं खुशी भी इसमें शामिल है। भौतिक विकास मनुष्य को सुख और शांति नहीं दे रहा है। यदि आपकी आत्मा सन्तुष्ट नहीं है तो आपका सारा धन वैभव निरर्थक है।

उदयपुर सिटीजन सोसायटी के अध्यक्ष श्री के.एस. मोगरा ने अपने स्वागत उद्बोधन में जानकारी दी कि सोसायटी की स्थापना दिनांक 1 जनवरी 2000 को उदयपुर शहर की समस्याओं को समाधान के साथ सरकार तक पहुंचाने के लिये एक थिंक टेंक के रूप में की गई थी। अधिकारों के साथ यदि हम अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नहीं है तो हम अच्छे नागरिक नहीं हैं। केवल समस्याएं उठाने, समस्याओं के विरोध में धरना, बन्द, प्रदर्शन, रैली आदि आयोजित करने से मीडिया में न्यूज तो बन जाती है, पर समस्या ज्यों कि त्यों बनी रहती है। समस्या को समाधान के साथ प्रशासन या सरकार के सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों के सामने प्रस्तुत करने से ही समस्या का निराकरण संभव हो सकता है। श्री मोगरा ने सोसायटी की विभिन्न उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।

बैठक का संचालन उदयपुर सिटीजन सोसायटी के सचिव श्री क्षितिज कुम्भट ने किया। बैठक में श्री यशवन्त कोठारी, श्री गजेन्द्र भंसाली, श्री जे.एम. गुप्ता, श्री के.पी. गुप्ता, श्री मनीष गोयल, श्री निलेश कारवा, श्री निर्मल नागर, श्री पी.एल. रूंगटा, श्री एस.एम. सुखवाल, श्री गणपत अग्रवाल, डॉ. सुमेर चन्द मीणा, श्री अजय दोषी आदि सदस्यों ने भाग लिया तथा एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर नये सदस्यों का मनोनयन भी किया गया। बैठक के अन्त में श्री के.पी. गुप्ता ने सभी का अभार ज्ञापित किया।

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