शहर से लेकर गांव तक चलेगा नशा मुक्ति अभियान
नार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविध्यालय की ओर से नशे के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए युजी तथा पीजी के विभिन्न पाठ्यक्रमों में नशे से होने वाले दुष्प्रभाव को शामिल किया जायेगा।
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविध्यालय की ओर से नशे के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए युजी तथा पीजी के विभिन्न पाठ्यक्रमों में नशे से होने वाले दुष्प्रभाव को शामिल किया जायेगा।
कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि नशा मुक्ति को लेकर विद्यापीठ के प्रारम्भिक काल से ही जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में चल रहे सेन्टरों पर चर्चा एवं गोष्ठियों का आयेाजन किया जाता रहा है। उन्होने बताया कि तम्बाकू उत्पाद, शराब एवं अन्य नशीलें पदार्थो के सेवन के नुकसान के बारे में छात्रों को अवगत कराया जायेगा। नशा मुक्ति अभियान हेतु लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, बीएड, बीएड बाल विकास, सोशल वर्क, महिला अध्ययन विभाग, होम्योपेथी, फिजियोथेरेपी, विधि महाविद्यालय के छात्र छात्राअेां द्वारा विश्वविध्यालय के 50 शिक्षको के निर्देशन में 100 यूजी संकाय में अध्ययनरत 100 विद्यार्थी कार्य करेंगे। अभियान के तहत विश्वविध्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी और सहयोगी सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ता जुटेंगे। विद्यार्थी हर शुक्रवार एवं शनिवार को शहर के विभिन्न चौराहो पर और घर- घर पेम्पलेट वितरित करेंगे। कुलपति सारंगदेवोत ने कहा कि नशा मुक्ति अभियान सफल होने पर, इस नवाचार का मॉडल तैयार किया जाएजा। इस मॉडल को यूजीसी को पास भेज कर दूसरे विश्वविध्यालय में लागू करने की सिफारिष की जाएगी, जिससे युवाओं में बढ रही नशे की आदत केा कम किया जा सके और नशे के कारण बढ रही दुर्घटनाओं के ग्राफ में कमी लाई जा सके।
विश्वविध्यालय में स़त्र अक्टूबर 2016 से नशा मुक्ति की अनिवार्यता रहेगी। सप्ताह में एक दिन विद्यार्थी बैंक, मॉल, रेलवे स्टेशन , बस स्टैंड व पर्यटन स्थलों पर जाकर आमजन से नशा मुक्ति अभियान में जुड़ने का आव्हान किया जायेगा।
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