पीछोला झील में हुई ईको बोट ट्रेल

पीछोला झील में हुई ईको बोट ट्रेल
 

बर्ड काउंटिंग में दिखे 68 प्रजातियों के सैकड़ों पक्षी  
 
 
पीछोला झील में हुई ईको बोट ट्रेल
विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ), ताज लेक पैलेस, ग्रीन पीपल सोसायटी, वागड़ नेचर क्लब की ओर से रविवार को पीछोला झील में ईको बोट ट्रेल का आयोजन किया गया इस दौरान झील और परिसर में बर्ड काउंटिंग की गई जिसमें विशेषज्ञों ने 68 प्रजातियों के सैकड़ों पक्षियों की उपस्थिति दर्ज की।

उदयपुर, 8 मार्च 2020। विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ), ताज लेक पैलेस, ग्रीन पीपल सोसायटी, वागड़ नेचर क्लब की ओर से रविवार को पीछोला झील में ईको बोट ट्रेल का आयोजन किया गया इस दौरान झील और परिसर में बर्ड काउंटिंग की गई जिसमें विशेषज्ञों ने 68 प्रजातियों के सैकड़ों पक्षियों की उपस्थिति दर्ज की।

विश्व प्रकृति निधि के संभागीय प्रभारी अरूण सोनी ने बताया कि ताज लेक पैलेस के एरिया सिक्योरिटी मैनेजर और पर्यावरण प्रेमी वीरेन्द्रसिंह चंपावत की पहल पर आयोजित हुई इस ईको ट्रेल में पक्षीविशेषज्ञ व पर्यावरणविद् डॉ. सतीश शर्मा, पर्यावरण विशेषज्ञ सोहेल मजबूर, प्रतापसिंह चुण्डावत, इस्माईल अली दुर्गा, वागड़ नेचर क्लब के डॉ. कमलेश शर्मा, पक्षीविशेषज्ञ विनय दवे, सिक्योरिटी ऑफिसर श्वेता शर्मा और विश्वप्रतापसिंह चुण्डावत, गुमानसिंह ईको ट्रेल आदि ने पीछोला झील और क्षेत्र में करीब तीन घंटों तक साढ़े पांच किलोमीटर एरिया में बर्ड काउंटिंग की। इस दौरान झील में बड़ी संख्या में स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी और जलक्रीड़ाओं ने विशेषज्ञों को आकर्षित किया। 

पीछोला की जलगुणवत्ता के प्रतीक हैं पोचार्ड पक्षी: 

पक्षीविद् डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि पीछोला झील के मध्यभाग में सैकड़ों की संख्या में कॉमन और टुफटेड पोचार्ड की उपस्थिति देखी गई है। इन पक्षियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी दर्शाती है कि पीछोला का पानी गुणवत्ता में स्वच्छ एवं पीने योग्य है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि जीवन को सुरक्षित बनाएं रखने के लिए झीलों को स्वच्छ व सुरक्षित बनाएं। उन्होंने झील में पाई जाने वाली प्राकृतिक वनस्पति को पक्षियों व जलीय जीवों के भोजन के लिए आवश्यक बताया और इसे बेवजह नहीं निकालने का सुझाव दिया। 

68 प्रजातियों के पक्षियों साथ दिखी जैव विविधता: 

ईको बोट ट्रेल व बर्ड काउंटिंग दौरान विशेषज्ञों ने जहां 68 प्रजातियों के पक्षियों को देखा और इसका ऑनलाईन संधारण किया वहीं क्षेत्र की जैव विविधता के बारे में भी जानकारी संकलित की। इस दौरान कॉमन और टुफटेड पोचार्ड, फेरिजुनस पोचार्ड, यूरेशियन विजन, गॅडवाल, नॉदर्न शॉवलर्स, स्पॉट बिल डक, लेसर विसलिंग टील, कॉटन पिग्मी गूज, नोब बिल्ड डक, लिटल ग्रेब, कॉमन कूट, डार्टर, लिटल और ग्रेट कॉर्मोरेंट, व्हाईट वेगटेल, ऑस्प्रे आदि मेहमान पक्षियों के साथ रोजरिंग व प्लम हेडेड पेराकिट्स, ग्रीन बी ईटर, हाउस स्विफ्ट, इग्रेट,एशियन कोयल, स्पोटेड आउलेट, यलो आईड बाबलर, ग्रे होर्न बिल, ब्लेक विंग काइट, ब्लेेक ड्रेगो, इडियन रॉबिन, कॉमन मैना, ब्राह्मणी मैना, बुलबुल, ग्रे फेंकोलिन, सिलवर बिल, ऐशिप्रिनिया, यलो फूटेड ग्रीन पिजन आदि 68 प्रजातियों की उपस्थिति दर्ज की।

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