शिक्षांतर में हुई शिक्षा सम्बन्धी कार्यशाला


शिक्षांतर में हुई शिक्षा सम्बन्धी कार्यशाला

शिक्षांतर में आज हुई कार्यशाला में ऑस्ट्रेलिया से आई रिसर्चर जुली-गस्स्नेर ने सभी बच्चों व पेरेंट्स से बातचीत करते हुए शिक्षा सम्बन्धी कई बातें बताई।

 
शिक्षांतर में हुई शिक्षा सम्बन्धी कार्यशाला

शिक्षांतर में आज हुई कार्यशाला में ऑस्ट्रेलिया से आई रिसर्चर जुली-गस्स्नेर ने सभी बच्चों व पेरेंट्स से बातचीत करते हुए शिक्षा सम्बन्धी कई बातें बताई।

रिसर्चर जुली-गस्स्नेर ने बताया कि सिडनी में वह अपना ओपन स्कूल चलाती हैं जिसमें वह 13 साल तक के बच्चों को पढ़ाती हैं। उनके ओपन स्कूल में बच्चों को पढ़ाई से लेकर उनको किस तरह से बड़ो का आदर करना चाहिए, किस तरह से उनसे विनम्र से बात की जाती है और बच्चो की रचनात्मकता, अभिनव, कल्प्नात्मकता कितनी है यह सब बच्चों को सिखाया जाता है, जिससे बच्चों की प्रतिभा सबके सामने उभर कर आये।

शिक्षांतर में हुई शिक्षा सम्बन्धी कार्यशाला

उन्होंने बताया कि इस स्कूल में 13 साल के बच्चों को ग्रुप में बाँट रखा है जिसमें 1-3, 4-5, 6-8, 9-12, 13 बच्चे है और सभी को उम्र अनुसार शिक्षा दी जाती है। यह सभी बाते उन्होंने शिक्षांतर में हुयी कार्यशाला में बताई और साथ ही शिक्षांतर में आये उदयपुर के कई बच्चों, पेरेंट्स, स्कूल प्रिंसिपलस को बताते हुए कहा कि भारत में भी इसी तरह की शिक्षा बच्चों को प्रदान करानी चाहिए जिससे की बच्चा अपनी प्रतिभा को सिख कर, दिखा सके और इसमें बच्चो के पेरेंट्स को भी इनका साथ देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत में जिस तरह एजुकेशन सिस्टम की प्रणाली चल रही है उसमें बदलाव लाने की जरुरत है।

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