जैव विविधता संरक्षण के लिए कारगर प्रयास होंगे – सांसद मीणा


जैव विविधता संरक्षण के लिए कारगर प्रयास होंगे – सांसद मीणा

नवनिर्वाचित उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा ने कहा कि पर्यावरण असंतुलन के बढते खतरों को रोकने के लिए हर नागरिक को जागरूक होकर भागीदारी निभाने की जरूरत है।

 
जैव विविधता संरक्षण के लिए कारगर प्रयास होंगे – सांसद मीणा

नवनिर्वाचित उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा ने कहा कि पर्यावरण असंतुलन के बढते खतरों को रोकने के लिए हर नागरिक को जागरूक होकर भागीदारी निभाने की जरूरत है।

मीणा गुरूवार को सूचना केन्द्र सभागार में आयोजित विश्व जैव विविधता दिवस के मुख्य समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रकृति का अवैध क्षरण एवं अन्धाधुन्ध दोहन पृथ्वी पर जीवन के लिए खतरनाक चुनौतियां लेकर आ रहा है ऐसे में प्रकृति संतुलन के प्रभावी उपायो के लिए वैश्विक स्तर पर समग्र चिन्तन कर कडे कदम उठाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि उदयपुर में जिला स्तरीय कमेटी का गठन कर पर्यावरण, पर्यटन, जंगल जमीन एवं जल को सुरक्षित करने के कार्यों की सतत समीक्षा की जायेगी। उन्होंने उदयपुर को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ मॉडल बनाने की जरूरत बतायी।

समारोह को पर्यावरण विद् डॉ. जी.पी. सक्सेना ने कहा कि कृषि आधारित प्राकृतिक फसली उत्पादन 75 फीसदी विलुप्त होने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में जैविकी का तेजी से हा्स हो रहा है। आज जैव विविधता संरक्षण को व्यावहारिक तौर पर लागू करने की आवश्यकता है। इस कार्य में शोध एवं ज्ञान के आधार पर प्रभावी प्रयास करने होंगे। उन्होंने प्रकृति संरक्षण एवं संतुलन के लिए कानून, प्रशासन, समाज एवं प्रबुद्घजन की भागीदारी पर जोर दिया।

पर्यावरण विशेषज्ञ प्रो.एल.एल.शर्मा ने कहा कि पृथ्वी निर्माण के साथ तीस करोड में से तीन करोड वनस्पतियों की पहचान ही की जा सकी उनमें से भी 55 ही बची है और यदि समय रहते इनका संरक्षण नही किया गया तो मानव जीवन को विषय परिस्थितियों का सामना करना पडेगा। प्रो. वी.एस.दुर्वे ने प्रकृति के अंधाधुंध दोहन को जैव विविधता के लिए बडा खतरा बताया।

झील एवं पर्यावरण प्रेमी अनिल मेहता ने कहा कि जैव विविधता में सराबोर मेवाड क्षेत्र को आजीवीका एवं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सरंक्षण देना होगा। उन्होंने शताधिक छोटे-बडे जलाशयों को जैव विविधता संरक्षण के दृष्टिकोण से श्रेणीबद्घ करने पर जोर दिया। प्रो. महेश शर्मा ने कहा कि आधुनिक संसाधन एवं सौंदर्यीकरण के पहलुओं को तकनीकी पहलुओं के अध्ययन एवं जानकारी के साथ लागू करना होगा जिससे जैव विविधता की मौलिकता प्रभावित न हो।

स्वागत उद्बोधन में उप वन संरक्षक ओ.पी.शर्मा ने बताया कि जैव विविधता आधारित एक वृहद केन्द्र उदयपुर में शीघ्र स्थापित होने जा रहे है जो शीघ्र ही आमजन के अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर ने की।

कार्यक्रम का संयोजन स.वन संरक्षक लायक अली खान ने किया। इस मौके पर उप वन संरक्षक हरिणी वी., स.वन संरक्षक फतह सिंह राठौड, शक्तावत सहित अन्य अधिकारी पर्यावरण विद् भी मौजूद थे।

इससे पूर्व सांसद मीणा ने वृहद् प्रदर्शनी का शुभारंभ किया जिसमें जैव विविधता, प्रकृति संरक्षण के पहलुओं को रोचक ढंग से प्रदर्शित किया गया। मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर ने प्रदर्शनी बाबत जानकारी दी। सांसद मीणा ने जंगल सफारी वन्यजीव संरक्षण पर्यटन स्थलों का विकास आदि पर विस्तार से चर्चा की।

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