नाटक शापग्रस्त का प्रभावी मंचन


नाटक शापग्रस्त का प्रभावी मंचन

भारतीय लोक कला मण्डल के 68वें स्थापना दिवस पर दी परफोरमर्स संस्था क

 

नाटक शापग्रस्त का प्रभावी मंचन

भारतीय लोक कला मण्डल के 68वें स्थापना दिवस पर दी परफोरमर्स संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 15 वे पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह के तीसरे दिन नाटक ‘‘शापग्रस्त’’ का मंचन हुआ। मानद सचिव, दौलत सिंह पोरवाल व निदेशक डाॅं. लईक हुसैन ने बताया कि भारतेन्दु नाट्य अकादमी रंगमण्डल, लखनऊ के विजित सिंह द्वारा लिखित एवं प्रिवेन्द्र सिंह द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘शापग्रस्त’’ का मंचन किया गया।

उन्होने बताया कि नाटक शापग्रस्त की कहानी है लोक निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर प्रमोद वर्मा की है। उसके पूर्णतः खुशहाल जीवन में बदलाव उस दिन आ जाता है जब उसकी पत्नी उससे कहती है कि अपनी गिरती सेहत और झड़ते बाल पर ध्यान दो वरना वो दिन दूर नहीं जब हम दोनों पति-पत्नी कम बाप-बेटी ज्यादा लगेंगे। पत्नी की इस बात को प्रमोद वर्मा ज्यादा गम्भीरता से ले लेता है और फिर शुरू होता है उसका खुद को कम उम्र का दिखाने का प्रयास। सारे प्रयास विफल होने लगते हैं और प्रमोद को लगने लगता है कि वो दिन-ब-दिन ज्यादा बुजुर्ग लगने लगेगा और कभी सुखी नहीं हो पाएगा। वो सुख की तलाश में सरकारी नौकरी से निलम्बित होकर घर बैठ जाता है, कवि हृदय होने के कारण सम्पादक मित्र के यहाॅं नौकरी करता है, खुद से लगभग आधी उम्र की लड़की से प्रेम करता है, संभोग के नए आयामों को खंगालता है लेकिन उसे सुख कहीं नहीं मिलता है या यूॅं कहें कि स्थायी सुख नहीं मिलता। अपने अंदर चल रहे अंन्तरदवन्द का उत्तर वो एक बुढ़िया से माॅंगने जाता है जहाॅ उसे जीने का नया दृष्टिकोण मिलता है। बुढ़िया के कहे अनुसार प्रमोद खुद के सुख को ढूॅंढने के बजाय दूसरों के दुःख को गले लगाने निकल पड़ता है।

नाटक के मुख्य पात्रों में मनोज शर्मा, मनीषा मेहरा, पवन शर्मा, नवनीत पाण्डे, सावन तिवारी, ब्रजेश गुप्ता, नितीश भारद्वाज, संदीप कुमार, प्रिंस सोनकर, देवाशीष मिश्रा, अनंत शर्मा, राजु पाण्डेय, शरद राज सिंह, अरविन्द सिंह, शैलेन्द्र तिवारी, कोरस राजेश कुमार, प्रतिभा विश्वकर्मा, संदीप पवन, बृजेश आदि थे। कार्यक्रम के आरम्भ में मुख्य अतिथि प्रसिद्ध चित्रकार एवं रंगकर्मी कन्नु पटेल का संस्था के निदेशक, डाॅ.लईक हुसैन व मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने स्वागत किया एवं संस्थापक पद्मश्री देवीलालजी सामर सा. की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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संस्था के मानद सचिव दौलत पोरवाल ने बताया कि दिनांक 28.02.2019 को भारतेन्दु नाट्य अकादमी रंगमण्डल, लखनऊ का नाटक ‘‘रिफलेक्शन अननोन’’ का मंचन होगा जिसका निर्देशन श्रीमती चित्रा मोहन ने किया है। कार्यक्रम प्रतिदिन सायं 7.00 बजे से प्रारम्भ होगा जिसमें प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

उन्होने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों के तहत दिनांक 22 फरवरी से 02 मार्च तक प्रातः 11 बजे से सांयः 9 बजे तक संस्था परिसर में आने वाले मेहमानों तथा दर्शकों को देश के विभिन्न राज्यों से आये शिल्पियों द्वारा लगायी गयी शिल्प प्रदर्शनी काफी पसंद आ रही है आज दिन भर खरीदारों की भीड़ रही।

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