स्मार्ट शहर बनने के लिए करने होंगे प्रयास
स्मार्ट सिटी के लिए होने वाले समस्त प्रयास झील जल व भूजल के स्तर व गुणवत्ता की बहाली, उदयपुर घाटी में वायु प्रदुषण की समाप्ति तथा नागरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने पर केंद्रित रहे। यह आग्रह झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रमदान संवाद में व्यक्त किये गये ।
स्मार्ट सिटी के लिए होने वाले समस्त प्रयास झील जल व भूजल के स्तर व गुणवत्ता की बहाली, उदयपुर घाटी में वायु प्रदुषण की समाप्ति तथा नागरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने पर केंद्रित रहे। यह आग्रह झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रमदान संवाद में व्यक्त किये गये ।
संवाद में झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि शहरीकरण की अनियोजित प्रक्रिया उदयपुर के स्वरुप को बिगाड़ रही है। पहाड़ियों के कटाव , आयड नदी की दुर्दशा तथा झीलों की दयनीय स्थिति इसके सूचक है। उदयपुर के मूल स्वरुप को लौटाना तथा नागरिक सुविधाये हर नागरिक की पहुंच में लाने से ही स्मार्ट सीसी बनेगी।
झील मित्र संस्थान के तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि स्वच्छ जलाशय ही स्वच्छ भारत का आधार है। सुरक्षित पेयजल व उचित सेनिटेशन के अभाव में शहर स्मार्ट नहीं बन सकता। आवागमन के साधनो , वाईफाई,खूबसूरत ईमारतो के बावजूद यदि शहर अस्वच्छ है तो स्मार्ट की कल्पना बेमानी है। स्वच्छता रेटिंग में अस्वच्छ घोषित हुआ है। यह प्रशासन व नागरिको दोनों के लिए चुनौती एवं अवसर है कि वह स्वच्छ उदयपुर -स्मार्ट उदयपुर को समस्त योजनाओ का आधार बनाये।
डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि केंद्रीय योजनाओ में मिलनेवाली धन राशि को परम्परावादी प्रोजेक्ट कोड में येनकेन प्रकारेण खर्च करने से उदयपुर स्मार्ट नहीं बनेगा। उन्होंने चिंता जताई कि एनएलसीपी की योजना का जो हश्र हो रहा है वह स्मार्ट योजना का नहीं हो जाये। शर्मा ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में समस्त कथित स्मार्ट शहरो में भी यह स्वीकारोक्ति हुई है कि सामुदायिकता की भावना के बिना स्मार्ट शहर नहीं बनाया जा सकता। आम नागरिको का सौहार्दपूर्ण मेल मिलाप, परस्पर रचनात्मक संवाद,नागरिकता की उन्नत भावना स्मार्ट यानि बेहतरीन बनने के मूल आधार है।
संवाद पूर्व झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा पिछोला के हनुमान घाट झील क्षेत्र पर आयोजित श्रमदान में झील से गन्दगी, पोलिथिन,जलीय घासव घरेलू कचरा निकला गया एवं पुरे घाट की सफाई कर उसे पानी से धोया गया। श्रमदान में अम्बालाल नकवाल,रामलाल गेहलोत, रमेश चन्द्र राजपूत, मोहन सिंह चौहान,कुलदीपक पालीवाल, दुर्गा शंकर पुरोहित, अजय सोनी, बीएल पालीवाल, दीपक पालीवाल, दीपेश स्वर्णकार, ललित बपुरोहित, तेज शंकर पालीवाल, डॉ अनिल मेहता व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।
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