उभरते गजलकार की आकर्षक प्र्रस्तुति ने मन मोहा
शहर में संगीत को बढ़ावा देने तथा नये उभरते कलाकारों को मंच देने के उद्देश्य से रविवार रात्रि को रानी रोड़ स्थित एक वाटिका में संगीत संध्या का अयेाजन किया गया।
शहर में संगीत को बढ़ावा देने तथा नये उभरते कलाकारों को मंच देने के उद्देश्य से रविवार रात्रि को रानी रोड़ स्थित एक वाटिका में संगीत संध्या का अयेाजन किया गया।
जिसमें उभरते गजलकार यश गंधर्व ने स्वयं की कंपोज की हुई गंजलों तथा फरमाईशों पर अन्य गजलकारों की गजलों की प्रस्तुति दे कर समंा बांध दिया।
यश गंधर्व ने संगीत संध्या में स्वयं की कंपोज की हुई गज़ल ‘क्यों दिल की बात छुपाते हो, छिपती है कभी दिल की बात कहीं..Óगुलाम अली की गज़ल ‘चुपके-चुपके रात-दिन आंसू बहाना याद रहा….Ó आदि अनेक गज़लों की प्रस्तुति दे कर उपस्थित सभी श्रोताओं को उसी में डूबो दिया।
संस्था के सचिव सृजन राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि सृजन संस्था द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में यह 13 वंा कार्यक्रम था। इस अवसर पर चित्तौडग़ढ़ पुलिस अधीक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा ने यश गंधर्व द्वारा स्वयं की कंपोज की हुई गज़लों की सीडी ‘ दिल की बात ..Ó का विमोचन किया।
कार्यक्रम में संस्था के पूर्वाध्यक्ष सृजन कंचनसिंह हिरण, सृजन सचिव दिनेश कटारिया,कोषाध्यक्ष को उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए स्मृतिचन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष सृजन श्याम एस.सिंघवी, सृजन राजेश खमेसरा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सृजन इकराम कुरैशी एंव सृजन हेमन्त मेनारिया ने किया।
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