नगर निगम, उदयपुर के कर्मचारियों अधिकारियों ने आज भी काली पट्टी बांध कर अपना विरोध प्रदर्शित किया
स्थानीय निकायों में कर्मचारियों और अधिकारियों की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहे आन्दोलन के तहत नगर निगम कर्मचारी अधिकारी संयुक्त समाधान समिति के निर्णयानुस
स्थानीय निकायों में कर्मचारियों और अधिकारियों की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहे आन्दोलन के तहत नगर निगम कर्मचारी अधिकारी संयुक्त समाधान समिति के निर्णयानुसार नगर निगम, उदयपुर के कर्मचारियों अधिकारियों ने आज दिनांक 15 मार्च को भी काली पट्टी बांध कर अपना विरोध प्रदर्शित किया ।
नगर निगम कर्मचारी अधिकारी संयुक्त समाधान समिति उदयपुर संयोजक दलपत सिंह चौहान ने बताया कि समिति द्वारा लिए निर्णयानुसार आज 15 मार्च को निगम के समस्त निकाय अधिकारियों कर्मचारियों ने आधे दिन का सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन कर संयुक्त समाधान समिति के नेतृत्व में महापौर चन्द्रसिंह कोठारी एवं आयुक्त सिद्धार्थ सिंहाग को तीन सूत्रीय मांग पत्र सौंपे ।
सहसंयोजक श्री प्रेम घावरी ने बताया कि राज्य सरकार के 7 वें वेतनमान की दोहरी नीति के विरोध में आन्दोलन की घोषणा करने पर निदेशालय ने जो दिनांक 14 मार्च को 7 वें वेतनमान को शर्तों पर लागू करने का आदेश जारी किया उसे प्रदेश में निकाय के किसी भी कर्मचारी ने नहीं स्वीकार किया है तथा सभी मांगे नहीं माने जाने एवं 7 वां वेतनमान बिना शर्त के राज्य कर्मचारियों की भांति नहीं करने तक प्रदेश स्तर पर लिए निर्णयानुसार आन्दोलन को यथावत जारी रखा जायेगा ।
सह संयोजक श्री जगदीश कोदली ने कहा कि पूर्व में दिनांक 18.01.89 को जारी अधिसूचना के तहत नगर पालिका सेवा अधिकारियों कर्मचारियों को भविष्य में वेतनमान, भत्ते, बोनस आदि राज्य सेवा के कर्मचारियों के समान यथा संशोधन प्रभावशील किये गये थे । उसी अनुसार निकाय कर्मचारियों को परिलाभ दिये जाने की घोषणा के पश्चात ही आन्दोलन समाप्त किया जायेगा ।
फैडरेशन के पूर्व अध्यक्ष सोमेश्वर मीणा ने पूर्व में किये गये संघर्षो की जानकारी देते हुए कहा कि पेंशन लागू कराने के लिए भी फैडरेशन ने काफी संघर्ष किया था । चूंगी समाप्ति के समय भी कई बार वार्ता करने के पश्चात चुंगी पुर्नभरण के नाम से राशि निर्धारित कराई थी बिना संधर्ष के कुछ नहीं मिलता है । सभी एक साथ रहकर संघर्ष करेंगे तभी हम अपनी मांगे मनवा पायेंगे । बार बार बोर्ड द्वारा सन्देश दिया जाता है कि निगम कर्मचारी अधिकारी काम नहीं करते है यदि निगम कर्मचारी अधिकारी काम नहीं करते है तो फिर इतने काम कौन कर रहा है । दिन प्रतिदिन स्टाफ कम होता जा रहा है, नई नई योजनाऐं सरकार ला रही है, शहर का क्षेत्रफल व जनसंख्या निरन्तर बढ रही है , फिर भी भर्ती की नहीं जा रही है कितने कर्मचारी तो ऐसे है जिसके पास 5-5, 6-6 सीटों का कार्य है । उसके बाद भी उन्हें बदनाम किया जा रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा ।
दिलखुश कावडिया, पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि सफाई कर्मचारियों को सेवानिवृति के पश्चात मेडिकल डायरी की ज्यादा आवश्यकता होती है क्यों कि उनके कार्य की प्रकृति को देखते हुए उन्हें श्वास की एवं अन्य बिमारियां ज्यादा होती है । अर्जुन राजोरा पूर्व महामंत्री ने कहा कि सरकार जो भी योजनाएं बनाती है उनकी क्रियान्विति तो निगम कर्मचारियों को करने के लिए देती है और जब लाभ की बात आती है तो कटौति कर देती है । निकाय कर्मचारी अधिकारियों को राज्य कर्मचारी घोषित कर दिया जावें ताकि राज्य कर्मचारियों की भांति सभी परिलाभ मिल सकें । सरकार की सभी योजनाओं पर कार्य निगम द्वारा ही किया जाता है ।
मदन लाल खोखर ने कहा कि निकाय कर्मचारी कभी भी उनके साथ हो रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे । सरकारें एवं अधिकारी उन्ही के दम पर योजना की पूर्ति कराते है और वाहवाही स्वयं के खाते में डाल लेते है । या तो पूर्व में 1989 में जारी अधिसूचना को यथावत रखा जाये या राज्य कर्मी घोषित कर दिया जावें ।
प्रदर्शन के दौरान पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मानसिंह रांका अधिकारी नरेन्द्र श्रीमाली, विद्युत सहायक अभियन्ता हरक लाल माली, मदन सिंह राठौड, सुनीता शर्मा, पवन कोठारी, नसीर खान, बंशीलाल मेनारिया आदि ने भी संबोधित किया ।
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