विश्व आदिवासी दिवस पर जनजाति वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी
विश्व आदिवासी दिवस पर दिनांक 9-8-2015 को टीआरआई सभागार में जनजाति वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी का उद्घाटन जनजाति क्षेत्रिय विकास विभाग के अतिरिक्त आयुक्त हर्ष सावनसुखा द्वारा प्रातः 11.00 बजे किया जायेगा।
विश्व आदिवासी दिवस पर दिनांक 9-8-2015 को टीआरआई सभागार में जनजाति वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी का उद्घाटन जनजाति क्षेत्रिय विकास विभाग के अतिरिक्त आयुक्त हर्ष सावनसुखा द्वारा प्रातः 11.00 बजे किया जायेगा।
प्रदर्शनी की जानकारी देते हुए टी.आर.आई. निदेशक आर.एन.चाहिल ने बताया कि विश्व आदिवासी जनजाति दिवस 9 अगस्त को मनाया जाता है। संस्थान द्वारा इस वर्ष जनजाति वाद्ययंत्रों की थीम पर प्रथम बार फोटोग्राफिक प्रतियोगिता भी आयोजित की थी। इसी थीम पर संस्थान में वाद्ययंत्रों की सजीव प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है।
जनजाति कलाकारों द्वारा उद्घाटन के अवसर पर वाद्ययंत्र बजाये जाकर प्रदर्शन भी किया जावेगा। प्रतियोगिता में प्राप्त प्रविष्ठियों पर निर्णय उपरांत प्रदर्शनी समापन पर परिणामों की घोषणा एवं पारितोषिक वितरण कराया जावेगा। यह प्रदर्शनी दिनांक 9 से 11 अगस्त, 2015 तक प्रतिदिन प्रातः 11.00 बजे से 4.00 बजे सायंकाल तक आमजन द्वारा अवलोकन की जा सकती है। प्रदर्शनी में प्रवेश का कोई शुल्क नहीं रखा गया है।
कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ की प्रभारी श्रीमती ज्योति मेहता, संयुक्त निदेशक ने बताया कि राजस्थान की जनजातियों में पारम्परिक वाद्य भी उनकी अमूल्य धरोहर है। अपने उपयोग में आने वाले तमाम वाद्यों का निर्माण वे स्वयं करते है और अपने अनुरंजन के लिए वे स्वयं बजाते है।
जनजातीय लोगांे के स्वभाव मंे विशेष बात यह है कि वे अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए आसानी से उपलब्ध साधनों का उपयोग कर वांछित सामग्री का निमार्ण कर लेते है। जंगलांे मे बांस, लकडी़, मरे हुए पशुओं का चमड़ा व सिंग, उनकी आंते आदि सामग्री किसी भी साज को साकार रूप देने के लिए पर्याप्त होती है। प्रदर्शनी के माध्यम से जनजातियों के पारम्परिक वाद्यों की अमूल्य गरिमामयी धरोहर को आमजन को जानकारी देना उद्देश्य है।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal