सम्भाग के निर्यातकों को यूसीसीआई द्वारा “सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन“ आॅन-लाईन जारी किये जायेंगें
निर्यात के लिये आवश्यक प्रपत्र “सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन“ अब यूसीसीआई द्वारा आॅन-लाईन जारी किया जाना शुरू किया गया है। अध्यक्ष श्री हंसर
निर्यात के लिये आवश्यक प्रपत्र “सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन“ अब यूसीसीआई द्वारा आॅन-लाईन जारी किया जाना शुरू किया गया है। अध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने बताया कि इस प्रकार आॅन-लाईन सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन जारी किये जाने की व्यवस्था से संभाग के निर्यातकों के न केवल श्रम एवं समय की बचत संभव हो सकेगी अपितु सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन में छेडछाड को भी रोका जा सकेगा।
अध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने जानकारी दी कि केन्द्र सरकार के “डिजिटल इण्डिया“ अभियान के तहत देश में अधिकांश प्रक्रियाओं को आॅन-लाईन बनाये जाने के आव्हान के मद्देनजर यूसीसीआई ने सभी निर्यातकों को आॅन-लाईन सर्टीफिकेट आॅफ ओरीजन जारी करने की सुविधा प्रारम्भ की है।
श्री हंसराज चौधरी ने जानकारी दी कि उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री देश का पहला ऐसा चेम्बर है जिसके द्वारा क्यू.आर. कोड के माध्यम से सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन जारी करना आरम्भ किया गया है। क्यू.आर. कोड अर्थात (क्विक रेस्पोन्स कोड) सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन की प्रमाणिकता को सिद्ध करने वाला आई.टी. टूल है।
ज्ञात हो कि पूर्व में निर्यातक को सर्टिफिकेट आॅफ ओरिजन फार्म को पांच प्रतियों में भरकर यूसीसीआई कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से लेकर उपस्थित होना होता था। सेक्रेटेरिएट के स्टाफ द्वारा उक्त सर्टिफिकेट की निर्धारित रजिस्टर में एन्ट्री कर यूसीसीआई की सील अंकित की जाती थी। इसके उपरान्त निर्यातक को अधिकृत हस्ताक्षकर्ता के कार्यालय में जाकर उक्त सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर करवाने होते थे। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में निर्यातक का काफी श्रम एवं समय लगता था। इस व्यवस्था को आॅन लाईन किये जाने से निर्यातक स्वयं के कार्यालय से आॅन-लाईन पेमेन्ट जमा करवाकर सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन प्रपत्र डाउनलोड कर सकेंगे तथा उसमें निर्यात सम्बन्धी आंकड़े भरकर आॅन-लाईन यूसीसीआई सेक्रेटेरिएट को प्रेषित कर सकेंगे। क्यू.आर. वेरिफिकेशन के उपरान्त यूसीसीआई द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर अंकित करके उक्त सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन निर्यातक को आॅन-लाईन जारी कर दिया जायेगा। इस प्रकार आॅन-लाईन जारी किए गये सर्टीफिकेट आॅफ ओरीजन में किसी भी प्रकार की छेड़खानी कर पाना सम्भव नहीं है। यूसीसीआई द्वारा आॅन-लाईन जारी किये गये सभी सर्टिफिकेट आॅफ ओरिजन यूसीसीआई पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे तथा उक्त सर्टीफिकेट की प्रतिलिपी पर दिये गये क्यू.आर. कोड को विदेश व्यापार विभाग (डीजीएफटी) द्वारा स्केन करके
यूसीसीआई की वेबसाईट पर उपलब्ध मूल प्रति के साथ मिलान करके उसकी प्रमाणिकता जांची जा सकेगी। यदि कोई नकली क्यू.आर. कोड का प्रयोग करके सर्टीफिकेट ओरिजन तैयार करने का प्रयास करेगा तो पकड़ में आ जायेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के डायरेक्टर जनरल आॅफ फोरेन ट्रेड (डीजीएफटी) विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार निर्यात प्रपत्र सर्टिफिकेट आॅफ ओरिजन में किसी प्रकार की छेड़छाड़ करने अथवा नकली सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन तैयार करने पर कानूनी कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है।
अध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने बताया कि यूसीसीआई सेक्रेटेरिएट में सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन हेतु आने वाले निर्यातकों को आॅन-लाईन व्यवस्था के संदर्भ में समस्त प्रक्रिया की अग्रिम जानकारी मुहैया करवाई जा रही है जिसमें यूजर आईडी एवं पासवर्ड जनरेट करने के उपरान्त यूसीसीआई पोर्टल पर लाॅग इन किया जाता है। डिजीटल भुगतान के उपरान्त निर्यात सम्बन्धी आंकड़े सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन में आॅन-लाईन भरने के उपरान्त वेरिफिकेशन की कार्यवाही पूर्ण होने के साथ ही सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन जारी कर दिया जाता है।
यूसीसीआई की यह सोच है कि निर्यातकों को आॅन लाईन सर्टीफिकेट आॅफ ओरिजन जारी किये जाने की सुविधा से देश के निर्यात इन्डेक्स में सकारात्मक वृद्धि संभव हो सकेगी जिससे न केवल देश की मुद्रा रूपया मजबूत होगा बल्कि देश से निर्यात बढने से जीडीपी की दर में भी वृद्धि होगी।
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