परिजनों ने अंतिम संस्कार से पहले संवारा बदहाल श्मशान घाट


परिजनों ने अंतिम संस्कार से पहले संवारा बदहाल श्मशान घाट

जिला प्रशासन की पहल पर उदयपुर शहर को क्लीन एवं ग्रीन बनाने के संकल्प को अपार सफलता मिल रही है और यह अभियान अब जन-मन में रच-बस गया है।

 

परिजनों ने अंतिम संस्कार से पहले संवारा बदहाल श्मशान घाट

जिला प्रशासन की पहल पर उदयपुर शहर को क्लीन एवं ग्रीन बनाने के संकल्प को अपार सफलता मिल रही है और यह अभियान अब जन-मन में रच-बस गया है।

इसका साक्षात उदाहरण गुरुवार को उस वक्त दिखाई दिया जब श्मशान घाट पर पार्थिव देह को लेकर पहुंचे परिजनों ने अंतिम संस्कार से पूर्व बदहाल व गंदगी से अटे श्मशान घाट को संवार कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

‘एक्शन उदयपुर’ से प्रभावित होकर अपनाया गया यह कदम समूचे शहर और इस अभियान की सफलताओं का एक सशक्त कदम साबित हुआ और जिस किसी ने भी इस कार्य के बारे में सुना उसने मुक्तकंठ से परिजनों के कार्य की सराहना की। खुद जिला कलक्टर आशुतोष ए.टी.पेडणेकर को भी इस कार्य की जानकारी अभियान के नोडल अधिकारी एवं मुख्य आयोजना अधिकारी सुधीर दवे से मिली तो वे भी अभियान की सफलता के इस स्व-स्फूर्त सहयोग से अभिभूत हुए।

संवरे मोक्षधाम पर विदा हुई पार्थिव देह:

प्रकरणानुसार शहर के अभिनव सीनियर सेकण्डरी स्कूल गायरियावास की अध्यक्षा श्रीमती रमाबाई रावल की मृत्यु पर परिजन जब सविना के सब सिटी सेंटर श्मशान घाट पर पहुंचे तो वहां पर व्यापक गंदगी पसरी दिखाई दी।

यहां पर नालियों में कीचड़ जमा हुआ था और जहां-तहां गंदगी को देखकर परिजनों को असहज महसूस हुआ। अब तक ‘एक्शन उदयपुर’ में आमजन द्वारा सार्वजनिक स्थानों की सफाई के योगदान से प्रेरित परिजनों ने यहां पर सफाई करने के बाद ही पार्थिव देह की अंतिम क्रियाएं करने का निर्णय लिया। फिर क्या था हाथों-हाथ लोगों ने तगारी, फावड़े उठा लिए और सफाई शुरू कर दी। महिनों से यहां जमा गंदगी और किचड़ को लोगों ने पूरी फूर्ती से साफ किया।

इस दौरान रमाबाई की पार्थिव देह मोक्षधाम पर ही बने स्टेण्ड पर ससम्मान रखी गई। जब परिजनों को मोक्षधाम की सफाई के कार्य में जुटा देखा तो शवयात्रा में पहुंचे अन्य लोग भी प्रेरित हुए और खुद-ब-खुद मोक्षधाम के अन्य हिस्सों की सफाई में जुट गए।

एक-एक कर लोगों ने सहकारिता की भावना से पूरे मोक्षधाम की व्यापक सफाई कर संवार दिया और इसके बाद साफ-सुथरे और संवरे मोक्षधाम पर चिता सजाते हुए पार्थिव देह को अंतिम विदाई दी गई। परिजनों और शवयात्रा में सम्मिलित लोगों का मानना था कि पार्थिव देह को मोक्ष की राह तभी मिलती जब उसे साफ-सुथरे वातावरण में अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की जावे।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags