एकलिंगगढ़ छावनी की पहाड़ियों पर भीषण आग, हेलीकॉप्टर से बुझाने का प्रयास
शहर के एकलिंगगढ़ छावनी के पीछे पहाडिय़ों पर मंगलवार को भीषण आग लग गई। आग को नियंत्रण करने के लिए कई प्रयास किए गए लेकिन आग की लपटे बड़ी तेजी से आगे बढ़ती रहीं। पुलिस-प्रशासन व सेना के अफसर मौके पर पहुंचे। आग सेना के कैम्पस तक नहीं पहुंचे इसकी सुरक्षा के लिए सभी देर रात तक जुटे रहे।
शहर के एकलिंगगढ़ छावनी के पीछे पहाडिय़ों पर मंगलवार को भीषण आग लग गई। आग को नियंत्रण करने के लिए कई प्रयास किए गए लेकिन आग की लपटे बड़ी तेजी से आगे बढ़ती रहीं। पुलिस-प्रशासन व सेना के अफसर मौके पर पहुंचे। आग सेना के कैम्पस तक नहीं पहुंचे इसकी सुरक्षा के लिए सभी देर रात तक जुटे रहे।
आग इतनी भीषण रूप लेती आ रही थी कि इसे बुझाने के लिए सेना ने हैलीकॉफ्टर मंगाए। आग इतनी भीषण थी कि वन विभाग की फायर लाइन को भी पार कर आगे निकल गई। दोपहर में लगी आग शाम को जाकर भीषण हो गई।
सभी की एक ही चिंता थी कि आग सेना के कैम्पस तक नहीं पहुंच जाए और उसकी सुरक्षा को लेकर पल-पल में मौके पर ही बैठकें की गई। दोपहर में कलक्टर-एसपी सहित वन विभाग और अन्य विभागों के आला अफसर मौके पर पहुंचे।
बांकी वन खंड के नाम से जाने जानी वाली शिकारवाड़ी इलाके की इन पहाडिय़ों पर आग तेजी से आगे बढ़ी और दोपहर में आग आर्मी क्षेत्र से करीब 600 मीटर दूर थी। रात में यह फासला घटकर करीब 200 मीटर हो गया जिससे अफसरों की चिंता बढ़ गई।
आग कितनी तेज थी इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि आग के नियंत्रण के लिए वन विभाग की ओर से बना रखी स्टेण्डर्ड छह मीटर की फायर लाइन को भी आग पार कर आगे निकल गई।
बांकी वन खंड के करीब 40 हैक्टयर क्षेत्र में लगी आग को बुझाने के लिए 100 वनकर्मी-ग्रामीण और 300 सैनिक वहां तैनात किए गए। वे सब पेड़ों की टहनियां काटकर आग को पीट-पीट कर बुझाने में लगे रहे लेकिन आग एक तरफ से बुझाए तो दूसरी तरफ से सुलग रही थी।
सेना के कैम्पस के पास सुरक्षा की दृष्टि से एकलिंगगढ़ छावनी, नगर निगम और हिन्दुस्तान जिंक से बड़ी संख्या में दमकल बुलाई गई। जिंक की ओर से आधुनिक फायर फाइटर सिस्टम भी मंगाए गए।
Source : Rajasthan Patrika
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