शहर में हुई फयरिंगो का खुलासा
पिछले दिनों से शहर में चल रही फायरिंग की घटनाओ का आज जिला पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इसी महीने की 16 तारीख को नेहरू बाजार में हिस्ट्रीशीटर कन्नू कुमावत पर हुई फायरिंग के बाद से ही पुलिस सरगर्मी से मांमले को सुलझाने में जुटी हुई थी। आज सूरजपोल थाना में खुलासा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रत्नू ने बताया की शहर में हुई पिछली चार फायरिंग घटनाओ में लिप्त अपराधियों भीम सिंह उर्फ़ भीमा पिता इंद्र सिंह निवासी भोपामगरी हिरन मगरी सेक्टर 3, इदरीस पिता शरीफ शेख निवासी खांजीपीर तथा नाहिद पिता अब्दुल गफ्फार निवासी मुर्शीदनगर सवीना को हिरासत में लिया। जबकि पंकज साहनी पिता विश्वेश्वर साहनी निवासी वाजिदपुर जिला वैशाली (बिहार), कन्नू कुमावत पर फायरिंग वाली घटना के दिन ही पकड़ में आ गया था। जबकि उसका साथी आदित्य कुमार सिंह पिता मदन प्रताप सिंह निवासी चंदौली (U.P.) और चारो घटनाओ का
पिछले दिनों से शहर में चल रही फायरिंग की घटनाओ का आज जिला पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इसी महीने की 16 तारीख को नेहरू बाजार में हिस्ट्रीशीटर कन्नू कुमावत पर हुई फायरिंग के बाद से ही पुलिस सरगर्मी से मांमले को सुलझाने में जुटी हुई थी।
आज सूरजपोल थाना में खुलासा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रत्नू ने बताया की शहर में हुई पिछली चार फायरिंग घटनाओ में लिप्त अपराधियों भीम सिंह उर्फ़ भीमा पिता इंद्र सिंह निवासी भोपामगरी हिरन मगरी सेक्टर 3, इदरीस पिता शरीफ शेख निवासी खांजीपीर तथा नाहिद पिता अब्दुल गफ्फार निवासी मुर्शीदनगर सवीना को हिरासत में लिया। जबकि पंकज साहनी पिता विश्वेश्वर साहनी निवासी वाजिदपुर जिला वैशाली (बिहार), कन्नू कुमावत पर फायरिंग वाली घटना के दिन ही पकड़ में आ गया था। जबकि उसका साथी आदित्य कुमार सिंह पिता मदन प्रताप सिंह निवासी चंदौली (U.P.) और चारो घटनाओ का मास्टरमाइंड कुख्यात अपराधी आज़म अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
अपराधियों की बैंक पास बुक से हुआ खुलासा
वैसे तो घटना का मास्टरमाइंड आज़म शातिर खिलाडी है लेकिन इस बार पुलिस ने उनसे एक कदम आगे बढ़कर पकड़ में आये पंकज से पूछताछ कर आदित्य जो की चम्पालाल धर्मशाला से उसके ठिकाने से बैंक की पासबुक बरामद की जिसमे आज़म के अकाउंट से 23 मई से 5000-5000 रुपये आदित्य के अकाउंट में ट्रांसफर किये थे। और 28 मई के बाद से शहर में चार घटनाए घटित हुई है। इसके अलावा आज़म इदरीस के माध्यम से कैश भी भिजवाता था।
जिला पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रत्नू के नेतत्व में वृताधिकारी वृत भगवत सिंह हिंगड़, स्पेशल टास्क फ़ोर्स टीम प्रभारी गोवेर्धन सिंह भाटी, सूरजपोल थानाधिकारी आदर्श कुमार परिहार, भूपालपुरा थानाधिकारी हरेंद्र सिंह, कॉन्सटेबल दौलत सिंह, शरीफ खान, गजराज सिंह, योगेश कुमार, प्रह्लाद पाटीदार, अखिलेश्वर, सलीम खान, गणेश सिंह, यशपाल, लोकेश और सुभाष की टीम ने उक्त घटनाओ के तहकीकात कर चार अपराधियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है जबकि मास्टरमाइंड आज़म और आदित्य अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े है।
अलग अलग वारदात की अलग रेट
कुख्यात अपराधी आज़म ने अलग अलग वारदात के लिए अलग अलग रेट तय कर रखे थे। वह आदित्य कुमार सिंह को प्रत्येक फायरिंग के लिए 15,000/- रूपये, भीमा को 5000/- रूपये पंकज साहनी को 2000/- रूपये देता था। उक्त रेट सिर्फ डराने धमकाने के लिए की गई फायरिंग का है। जबकि कन्नू कुमावत के सिर में गोली मारने के लिए 50000/- रूपये का प्रलोभन दिया था। इसी प्रकार आज़म ने आदित्य और भीम सिंह को इनायत पिंजारा, इमरान कुंजड़ा और उनके परिजनों पर भी फायरिंग करने के लिए कहा था लेकिन मौका नहीं मिल पाने से घटना नहीं हो पाई।
पुलिस ने घटना वाले दिन पकड़े गए पंकज साहनी से पूछताछ कर घटना में लिप्त भीम सिंह उर्फ़ भीमा को पकड़ा जिसने बताया की उसने अपने दोनों साथी इदरीस और नाहिद के साथ मिलकर आज़म के इशारे पर कन्नू कुमावत की रैकी की थी और घटना के दो तीन दिन पूर्व भी उसको मारने की कोशिश की थी परन्तु नाकाम रहे। जबकि 16 जुलाई को आदित्य और पंकज ने कन्नू कुमावत की हत्या के इरादे से फायरिंग की थी परन्तु कार का कांच चढ़ा होने से गोली कन्नू के हाथ में जा लगी।
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रत्नू ने बताया की आज़म ने कन्नू कुमावत को मारने एवं मधुबन में व्यापारी को डरा धमका कर फिरौती वसूलने, रजिस्ट्री ऑफिस के बाहर प्रॉपर्टी विवाद को लेकर सोहन गिरी गोस्वामी पर फायरिंग करने, सवीना में व्यवसायी कालू लाल जैन को डरा धमका कर उनसे दो करोड़ रुपये वसूलने के चक्कर में उक्त फायरिंग की घटनाओ को अपने गुर्गे आदित्य और भीमा के ज़रिये किया था
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