रेस्टॉरेंट में खाना हुआ सस्ता, 5 % GST ही देना होगा
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल में लिए गए अहम फैसलों के बारे में फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि अब सभी रेस्टोरेंट्स पर 5% जीएसटी लगाया जाएगा और इन्हें इनपुट क्रेडिट टैक्स का फायदा नहीं मिलेगा। अब एसी, नॉन एसी सभी रेस्टोरेंट्स के लिए जीएसटी रेट 5 फीसदी रहेगा। इससे साफ है कि अब रेस्टोरेंट्स में खाना सस्ता हो जाएगा
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल में लिए गए अहम फैसलों के बारे में फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि अब सभी रेस्टोरेंट्स पर 5% जीएसटी लगाया जाएगा और इन्हें इनपुट क्रेडिट टैक्स का फायदा नहीं मिलेगा। अब एसी, नॉन एसी सभी रेस्टोरेंट्स के लिए जीएसटी रेट 5 फीसदी रहेगा। इससे साफ है कि अब रेस्टोरेंट्स में खाना सस्ता हो जाएगा
जेटली ने कहा की 28% टैक्स ब्रैकेट में पहले 228 आइटम्स थे। इनमें से 178 आइटम्स को 18% के टैक्स ब्रैकेट में लाया गया है। इसके अलावा कई आइटम्स के टैक्स घटाए गए हैं। पेंट और सीमेंट 28 फीसदी के ब्रैकेट में रहेंगे। इसके अलावा वाशिंग मशीन और एयर कंडीशनर्स जैसे लग्जरी गुड्स को भी 28 फीसदी के ब्रैकट में रखा गया है। इस बात को लेकर सहमति बनी कि धीरे-धीरे 28 फीसदी के स्लैब को 18 फीसदी के स्लैब पर लाया जाना चाहिए। लेकिन इसमें वक्त लगेगा, क्योंकि इसका रेवेन्यू पर खासा असर पड़ेगा।
सुशील मोदी ने कहा, “हर तरह के च्युइंगम, चॉकलेट, फेशियल मेकअप तैयार करने की चीजें, शेविंग, आफ्टर शेव, शैम्पू, डियोड्रेंट, वाशिंग पाउडर, डिटरजेंट, ग्रेनाइट और मार्बल पर 28% की जगह 18% टैक्स लगेगा। मोदी ने कहा कि इस फैसले से सरकार को लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू लॉस होगा। उनके मुताबिक यह अहम है कि लागू होने के महज 4 महीने के भीतर जीएसटी रेजीम में स्थायित्व आ गया है। अब फाइनेंशियल ईयर खत्म होने में लगभग 4 महीने ही बचे हैं।
केंद्र और राज्यों के 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में जुलाई से लागू किए गए गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) के रेट्स का लगातार रिव्यू हो रहा है। जीएसटी के चार स्लैब हैं- 5%, 12%, 18% और 28%। इनके रिव्यू के लिए जीएसटी काउंसिल बनाई गई है। इसमें केंद्र और राज्य, दोनों के रिप्रेजेंटेटिव्स शामिल हैं। इसमें जीएसटी के चलते कारोबारियों, कंज्यूमर्स और राज्यों को आ रही दिक्कतों पर चर्चा की जा रही है।
काउंसिल की यह 23वीं मीटिंग गुवाहाटी में थी। इसमें फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली और 24 राज्यों के वित्त मंत्री और जीएसटी के प्रभारी मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इसमें यह चर्चा की गई कि आम इस्तेमाल की चीजों पर क्या टैक्स रेट 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है? बता दें कि 227 चीजें 28% के स्लैब में रखी गई थीं।
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, कर्नाटक के कृषि मंत्री केबी गौड़ा और पुडुुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने एक दिन पहले कहा था, “पहले जब केंद्र से कहा गया कि ज्यादा जीएसटी रेट से आम लोगों और छोटे कारोबारियों पर बोझ बढ़ेगा, तो सरकार ने उनकी बातें नहीं सुनी। अब जब गुजरात के छोटे कारोबारी नाराज हैं तो सरकार इनके लिए टैक्स घटाने पर राजी हो गई।” उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों का टैक्स कलेक्शन कम हुआ है। सिर्फ 5 राज्यों ने रेवेन्यू का नुकसान नहीं होने की बात कही है। बाकी सभी ने मुआवजा मांगा है।
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