विदेशी आर्टिस्ट ने उठाया झीलों में गन्दगी के खिलाफ अनोखा कदम


विदेशी आर्टिस्ट ने उठाया झीलों में गन्दगी के खिलाफ अनोखा कदम

उदयपुर को झीलों की नगरी एवं पर्यटक स्थल के नाम से जाना जाता है और आज इन्ही झीलों में आज ज्यादातर गंदगी फैली हुई है। आज ब्रह्मपोल स्थित झील किनारे पर इसी प्रकार की गंदगी के साथ पानी में जलकुम्भी, काई, प्लास्टिक की थेलियाँ व बोटल, घरों में से निकला हुआ गन्दा पानी - यह सब झीलों को प्रदूषित कर रहा है। इन सब से झीलों में पानी की आवक की बजाये पानी घटता जा रहा है।

 
विदेशी आर्टिस्ट ने उठाया झीलों में गन्दगी के खिलाफ अनोखा कदम

उदयपुर को झीलों की नगरी एवं पर्यटक स्थल के नाम से जाना जाता है और आज इन्ही झीलों में आज ज्यादातर गंदगी फैली हुई है। आज ब्रह्मपोल स्थित झील किनारे पर इसी प्रकार की गंदगी के साथ पानी में जलकुम्भी, काई, प्लास्टिक की थेलियाँ व बोटल, घरों में से निकला हुआ गन्दा पानी – यह सब झीलों को प्रदूषित कर रहा है। इन सब से झीलों में पानी की आवक की बजाये पानी घटता जा रहा है।

इसमें उदयपुरवासियों ने तो झीलों को लेकर कोई अभियान नहीं किया परन्तु आज न्यूजीलैंड से आई ब्रैडी रूड ने उदयपुर की झीलों में इतनी गंदगी को देखते हुए अपने साथी चिमन डांगी के साथ झीलों में पसरी गंदगी को दर्शाते हुए उसमें काम किया। इनकी सक्रियता का शीर्षक था ‘ब्रह्मपोल पिकनिक’। ब्रैडी ने बताया कि वह स्वतंत्र कलाकार है और उदयपुर में वह दूसरी बार आई हैं। उन्होंने कहा कि उदयपुर हेरिटेज और सुंदर शहर है परन्तु यहाँ की झीलों में इतनी गंदगी शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि झीलों में इतने कूड़ा-करकट के साथ आवारा जानवर घूम रहे हैं।

विदेशी आर्टिस्ट ने उठाया झीलों में गन्दगी के खिलाफ अनोखा कदम

इसी को इन्होने आज ब्रम्पुरी झील पर नारंगी रंग के अपशिष्ट प्लास्टिक के कपडे पहने और बताया कि नारंगी रंग पशुओं के लिए खतरनाक संकेत के साथ ही सूरज की रोशनी, रंग और चेतावनी को दर्शाता है। उन्होंने इस अभियान में कई तरह के पदार्थों को इस्तमाल किये जैसे गुलाल, लकड़िया, प्लास्टिक की थेलिया, कागज की 100 प्लेटो जो वातावरण एवं प्रदूषित झीलों को दर्शता है। उन्होंने पुरे स्थल का आवरण करते हुए थोड़ी थोड़ी दुरी पर कागज की 100 प्लेटो से एक लम्बी लाइन बनाई।

विदेशी आर्टिस्ट ने उठाया झीलों में गन्दगी के खिलाफ अनोखा कदम

चिमन डांगी ने बताया कि हमनें इस पिकनिक का नाम ब्रह्मपोल पिकनिक इसलिए रखा क्योंकि ब्रह्म शब्द भगवान से जुड़ा होता है और उसी जगह इतना कूड़ा-करकट फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि झीलों को लेकर यहाँ सभी बाते करते हुए नज़र आ जाते है परन्तु इनकी सुरक्षा की ओर कोई नहीं देखता है। यहाँ पर अकसर लोग झीलों में पानी नहीं होने पर तरह तरह के यज्ञ करवाते हैं, जब पानी आता है तो उसका बड़ी धूम धाम से स्वागत करते हैं और पानी आने के बाद उसकी साफ सफाई के लिए कोई जागरूक नहीं होता है।

विदेशी आर्टिस्ट ने उठाया झीलों में गन्दगी के खिलाफ अनोखा कदम

यहाँ सब अपने अनुसार झीलों को गंदा करने में लगे रहते है कोई खाना फेकता है, कोई कपडे धोता है आदि जिससे झीलों में से इतनी दुर्गन्ध आती है की उसके पास में कोई निकल भी नहीं सकता है। और ब्रह्मपोल स्थित कई तीन और पांच सितारा होटल भी मौजूद है परन्तु फिर भी इसमें दिनों दिनों गंदगी बढती जा रही है।

विदेशी आर्टिस्ट ने उठाया झीलों में गन्दगी के खिलाफ अनोखा कदम

उन्होंने कहा कि हमने यह प्लास्टिक के कपड़े इसलिए पहने है क्योंकि इससे लोगों का इस पर ध्यान केन्द्रित हो और जैसे सब ही जानते हैं की प्लास्टिक हानिकारक होता है इसलिए इसका उपयोग बंद किया जाना चाहिए।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags