पूर्व मंत्री गरासिया को राणा पूंजा सम्मान


पूर्व मंत्री गरासिया को राणा पूंजा सम्मान

महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के 33वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह 2015 के राज्यस्तरीय अलंकरणों की घोषणा सोमवार को की गई।

The post

 

पूर्व मंत्री गरासिया को राणा पूंजा सम्मान महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के 33वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह 2015 के राज्यस्तरीय अलंकरणों की घोषणा सोमवार को की गई।

आगामी 22 मार्च, 2015, रविवार सायं 4 बजे फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह जी मेवाड़ सिटी पैलेस प्रांगण उदयपुर में आयोजित विशेष समारोह में राज्य की इन विभूतियों को अलंकृत करेंगे।

महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर अपने लक्ष्य एवं उद्देश्यों के अनुरूप अब तक 32 वार्षिक सम्मान समारोहों के तहत 3955 देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों एवं मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित कर चुका है।

महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन 33वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह के संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा राज्य स्तर पर दिये जाने वाले अलंकरणों के अन्तर्गत इस वर्ष समाज में शैक्षिक, चारित्रिक, नैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु दी जाने वाली स्थायी मूल्य की सेवाओं के तहत दिया जाने वाला ”महाराणा मेवाड़ सम्मान” जोधपुर निवासी सुश्री कृति भारती को महिला सशक्तिकरण, बाल कल्याण एवं समाजोत्थान में नवाचारों में अर्जित अन्तरराष्ट्रीय उपलब्धियों के सम्मान में तथा नवाचारी वैज्ञानिक पद्धति द्वारा जल संरक्षण एवं पौधारोपण के अभिनव कार्यों हेतु राजसमन्द निवासी श्याम सुन्दर पालीवाल को प्रदान किया जएगा।

पालीवाल ने जन सहभागिता से बेटी, पानी और पेड़ों को आधार बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर पूर्वोक्त कार्यों के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में अनूठे नवाचारों की दृढ़ एवं सुन्दर प्रतिष्ठा करते हुए दृढ़ सामाजिकता एवं सेवाभाव का उदाहरण प्रस्तुत किया है। संयोजक गुप्ता ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा दिये जाने वाले राज्यस्तरीय अन्य अलंकरणों के तहत ज्योतिष, वेद एवं कर्मकाण्ड में श्रेष्ठ योगदान के लिये मांडल, भीलवाड़ा के मूल निवासी गुरू रविदास आयुर्वेद विश्वविद्यालय, होशियारपुर, पंजाब के कुलपति प्रो. ओम प्रकाश उपाध्याय एवं जयपुर के पं. गणपति लाल शर्मा को ”महर्षि हारीत राशि सम्मान” प्रदान किया जाएगा।

वैदिक संस्कृति एवं संस्कृत के प्रकाण्ड पंडित पद्मश्री प्रो. उपाध्याय संस्कृत अध्यापन से शुरू कर द्वितीय सेवाकाल में गुरू रविदास आयुर्वेद विश्वविद्यालय, पंजाब के सर्वोच्च पद पर कार्यरत है। उन्होंने संस्कृत एवं आयुर्वेद शिक्षा के उत्थान के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हैं तथा आपने अनेकानेक पुस्तकों का सृजन लेखन व सम्पादन किया है।

इनके साथ ही भारतीय संस्कृति को जीवंत रखते हुए समाज को वैदिक संस्कृति से जोडऩे हेतु ज्योतिष, कर्मकाण्ड के माध्यम से समाजसेवा करने वाले राजकीय शाी संस्कृत महाविद्यालय, चौथ का बरवाड़ा, सवाईमाधोपुर के ज्योतिष के प्राचार्य पं. गणपति लाल शर्मा ने अनेकों शिष्यों को इसकी सफल शिक्षा-दीक्षा के साथ ही अपने विषय की अनेक पुस्तकों का लेखन एवं सम्पादन किया है।

भारतीय संस्कृति, साहित्य व इतिहास के क्षेत्र में दिये जाने वाले ”महाराणा कुम्भा सम्मान” के तहत इतिहास के क्षेत्र मेंं मेवाड़ के इतिहासकार एवं लेखक नारायण लाल शर्मा को इतिहास के शोधपूर्ण लेखन हेतु तथा राजस्थानी भाषा के जाने माने साहित्यसृजक पद्मश्री डॉ. चन्द्र प्रकाश देवल को प्रदान किया जाएगा।

फाउण्डेशन द्वारा ललित कला के क्षेत्र में दिया जाने वाला ”महाराणा सज्जनसिंह सम्मान” इस वर्ष हस्तशिल्प लकड़ी की नक्काशी में कम उम्र में ही अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का नाम रोशन करने वाले जयपुर निवासी कमलेश जांगिड़ को प्रदान किया जाएगा। जांगिड़ लकड़ी पर बारीक नक्काशी एवं महीन कटाई में सिद्धहस्त है।

संगीत के क्षेत्र में दिया जाने वाला ”डागर घराना सम्मान” भारतीय शास्त्रीय संगीत के युवा सरोद वादक भाईयों अमान अली खान एवं अयान अली खान को प्रदान किया जाएगा। दोनों भाईयों की जोड़ी ने भारत के अनेकों ख्यातनाम संगीतकारों के साथ राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में अपने हुनर का परिचय दिया है।

आदिवासी समाज के उत्थान के लिए दिया जाने वाला ”राणा पूंजा सम्मान” इस वर्ष मेवाड़ के पिछड़े आदिवासी अंचल में शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार की अलख जगाने वाले राजस्थान सरकार में पूर्व मंत्री रहे श्री चुन्नी लाल गरासिया को प्रदान किया जाएगा।

फाउण्डेशन द्वारा राज्य के खिलाडिय़ों को दिये जाने वाले ”अरावली सम्मान” से कबड्डी में राजस्थान को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले जयपुर के दो खिलाड़ी पुरूष टीम के कप्तान श्री नवनीत गौतम एवं महिला टीम में राजस्थान की एकमात्र सदस्य सुश्री सुमित्रा शर्मा को सम्मानित किया जाएगा। इन अलंकरणों से सम्मानित होने वाली विभूतियों को पच्चीस हजार एक रू., तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किये जायेंगे।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा इस वर्ष अपने विशिष्ट कार्य के लिए लुप्त होती मध्य भारत की निहाली भाषा के संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले पुणे के डॉ. शैलेन्द्र मोहन को विशिष्ट अलंकरण प्रदान किया जाएगा। इन अलंकरण से सम्मानित होने वाली विभूति को ग्यारह हजार एक रू., तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किया जाएगा।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags