
राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना (एनएलसीपी) के तहत अब झीलों से सम्बधित सभी कार्य अब नेशनल प्लान फोर कंजर्वेशन ऑफ एक्वेटिक इको सिस्टम (एनपीसीए) के द्वारा होंगे। इसी को लेकर सोमवार को भारत सरकार के पूर्व सचिव विनय शंकर ने जिला कलेक्ट्री सभागार मे सभी विभागों के अधिकारियों की एक बैठक ली। बैठक के दौरान जिला कलेक्टर विकास एस भाले भी मौजूद थे। पूर्व सचिव विनय शंकर ने बताया कि वन व पर्यावरण विभाग के द्वारा चलाई जा रही एनएलसीलपी और एनडब्लुसीपी को जोड़ कर एनपीसीए योजना बनाई गई है, इस योजना की गाइड लाइन का जिम्मा आईआईटी को दिया गया है।
बैठक मे झील के सौन्दर्यकरण व विकास के मुद्दे पर चर्चा की गई, जिसमें अलग-अलग विभागों से आये प्रतिनिधियों ने झीलों के सुधार को लेकर सुझाव दिये। झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता ने भी झील पेटे मे किये जा रहे भराव व व्यवसायिक व मानवीय गतिविधियों के बारे मे बताते हुए इस पर ठोस कदम उठाने की बात कही। मेहता ने इस दौरान रिगं रोड व झीलों के सौन्दर्यकरण के भी सुझाव दिये। इससे पूर्व दिन में पूर्व सचिव ने झीलों को दौरान एनएलसीपी के तहत किये जा रहे कार्या के बारे में अधिकारियों से फीडबैक लिया। बैठक में झील सरंक्षण समिति, पीएचडी, वन विभाग, युआईटी, नगर निगम, कुषि विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, उद्योग विभाग सहित कई सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।