9 अप्रेल को सिटी पैलेस में राणा सांगा की जयंती मनाएगा फाउण्डेशन


9 अप्रेल को सिटी पैलेस में राणा सांगा की जयंती मनाएगा फाउण्डेशन

भारत के इतिहास में उदार, कृतज्ञ, बुद्धिमान, वीर एवं न्यायपरायण योद्धा महाराणा संग्राम सिंह प्रथम (राणा सांगा) को आने वाली पीढ़ी याद रखे और उनसे प्रेरणा लें, इस सोच को लेकर महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर आगामी 9 अप्रेल सोमवार को यहां सिटी पैलेस के जनाना महल में महाराणा संग्राम सिंह-(प्रथम) की 536वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा। यह इतिहास में पहली बार होगा जब फाउण्डेशन इस महान वीर योद्धा की जयंती सार्वजनिक तौर पर मनाएगा।

 
9 अप्रेल को सिटी पैलेस में राणा सांगा की जयंती मनाएगा फाउण्डेशन

भारत के इतिहास में उदार, कृतज्ञ, बुद्धिमान, वीर एवं न्यायपरायण योद्धा महाराणा संग्राम सिंह प्रथम (राणा सांगा) को आने वाली पीढ़ी याद रखे और उनसे प्रेरणा लें, इस सोच को लेकर महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर आगामी 9 अप्रेल सोमवार को यहां सिटी पैलेस के जनाना महल में महाराणा संग्राम सिंह-(प्रथम) की 536वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा। यह इतिहास में पहली बार होगा जब फाउण्डेशन इस महान वीर योद्धा की जयंती सार्वजनिक तौर पर मनाएगा।

महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़ की दूरगामी दृष्टिकोण से प्रेरित होकर फाउण्डेशन ने महाराणा संग्राम सिंह जयंती मनाने का अभिनव प्रयास शुरू किया है। फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि भारत एवं मेवाड़ के इतिहास में महाराणा संग्राम सिंह का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। राणा सांगा के नाम से विख्यात इस शख्स ने मेवाड़ की अस्मिता और गरिमा को बनाए रखने के लिए अनेक लड़ाईयां लड़ी। उनकी सेना में हर धर्म तबके के लोग कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते थे और उसे अपना सौभाग्य मानते थे।

इतिहासकारों के अनुसार महाराणा संग्राम सिंह का जन्म विक्रम संवत 1539 वैशाख कृष्ण पक्ष की नवमी को हुआ था। इतिहास में महाराणा संग्राम सिंह का अज्ञातवास, उनकी विजयी यात्राएं, बयाना, गुजरात, दिल्ली के शासकों को हराकर उनके अत्याचारों से मुक्त कराना था। इसके अलावा कई दुश्मनों से भयंकर युद्ध में उनका नेतृत्व का बखूबी उल्लेख किया गया है। इन युद्धों में महाराणा की एक आंख, हाथ एवं पैर बेकार हो गए। पूरे शरीर पर अस्सी घाव लेकर भी यह योद्धा शरीर की अंतिम बूंद तक लड़ता रहा और मेवाड़ का परचम झुकने नहीं दिया। इस महान योद्धा का विक्रम संवत 1584 को कालपी में निर्वाण हुआ। यहां सिटी पैलेस संग्रहालय में सांगा द्वारा दुश्मनों से जीते गए हथियार एवं अन्य वाद्य यंत्रों को सहेजकर रखा गया है।

महाराणा संग्राम सिंह की जयंती पर होंगे विशेष कार्यक्रम :

आउवा ने बताया कि जनाना महल में महाराणा संग्राम सिंह से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके अलावा जनाना महल के चौमुखा में मार्तण्ड फाउण्डेशन के कलाकार विलास जानवे ‘गौरव गाथा राणा सांगा की’ विषयक लघु नाटिका प्रस्तुत करेंगे। यह नाटिका दिन में चार बार होगी। इसके अतिरिक्त यहां आने वाले पर्यटकों को महाराणा सांगा पर बनाई विशेष पिन, ब्रॉशर और प्रसाद का वितरण होगा।

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