सेप्टिक टैंक हादसे में चार मरे, दो की हालात अभी भी गंभीर


सेप्टिक टैंक हादसे में चार मरे, दो की हालात अभी भी गंभीर

सेप्टिक टैंक को खाली करने उतरे एक मजदूर को बचाने के चलते मजदूर सहित चार लोग की मौत हो गई। मरने वालों में मकान मालिक के बेटे सहित तीन मजदूर शामिल हैं। वहीं बचाव के लिए टैंक में उतरे होमगार्ड और एक अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। यह हादसा रविवार रात करीब सवा […]

 
सेप्टिक टैंक हादसे में चार मरे, दो की हालात अभी भी गंभीर

सेप्टिक टैंक को खाली करने उतरे एक मजदूर को बचाने के चलते मजदूर सहित चार लोग की मौत हो गई। मरने वालों में मकान मालिक के बेटे सहित तीन मजदूर शामिल हैं। वहीं बचाव के लिए टैंक में उतरे होमगार्ड और एक अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है।

यह हादसा रविवार रात करीब सवा दस बजे सौ फीट रोड, यूनिवर्सिटी के पास हीराबाग कॉलोनी स्थित घर में हुआ। डीएसपी भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया कि हादसे में मकान मालिक का बेटे विपिन पुत्र श्यामलाल चित्तौड़ा, खेमपुरा निवासी गोपाल पुत्र कालू, आयड़ निवासी नरेन्द्र राठौड़ पुत्र राजू और शक्ति नगर निवासी राजा पुत्र रामजी की मौत हुई है। वहीं निगम के फायर ब्रिगेड में लगे होमगार्ड मोहम्मद हुसैन और स्थानीय निवासी रामसिंह की हालत गंभीर बनी हुई है। राम सिंह को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हीराबाग कॉलोनी के श्याम लाल चित्तौड़ा ने मकान में बना सेप्टिक टैंक खाली करने के लिए सफाई करने वाले चार मजदूरों को बुलाया था। पहला मजदूर अंदर उतरा तो दम घुटने से वह बेहोश होने लगा। उसने शोर मचाकर मदद मांगी तो बाहर खड़े दूसरे मजदूर ने उसका ऊपर लाने के लिए हाथ दिया। इस दौरान दूसरा मजदूर भी अंदर गिर गया। इन्हें बचाने तीसरा मजदूर उतरा तो वह भी दम घुटने से अंदर बेहोश हो गया, इन्हें देखने मकान मालिक का बेटा विपिन पहुंचा तो वह भी अंदर फंस गया।

चार लोगों के अंदर फंस जाने से परिजनों ने शोर मचाया तो वहां भारी भीड़ इकट्ठी हो गई। चारों को अंदर देख वहां मौजूद होमगार्ड मोहम्मद हुसैन भी बचाने अंदर कूद गया, जो भी दम घुटने से बेहोश हुआ तो उसे रेस्क्यू टीम ने तत्काल बाहर निकाल दिया।

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क्षेत्रवासियों ने बताया कि सबसे पहले होमगार्ड मोहम्मद हुसैन को बाहर निकाला तो उसे एंबुलेंस लेकर चली गई। इसके बाद कोई एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। अंदर फंसे चार लोगों को जब बाहर निकाला गया तो अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं थी। इस पर पुलिस थाने की गाड़ी में बैठाकर ही चारों को हॉस्पिटल पहुंचाया गया। एम्बुलेंस सबसे आखिरी में पहुंची।

सेप्टिक टैंक हादसे में चार मरे, दो की हालात अभी भी गंभीर

क्षेत्रवासियों ने आपदा प्रबंधन की व्यवस्थाओं पर गुस्सा उतारा

समय पर रेस्क्यू नहीं कर पाने से क्षेत्रीय पार्षद सहित लोगों ने नगर निगम की अापदा प्रबंधन समिति पर भारी गुस्सा उतारा। हादसे की सूचना पर मौके पर करीब 500 लोग इकट्ठे हो गए। एंबुलेंस समय से नहीं पहुंची तो टैंक से निकाले गए लोगों को पुलिस की गाड़ियों से ही हॉस्पिटल पहुंचाया। क्षेत्रवासियों ने नगर निगम और हॉस्पिटल प्रशासन के प्रति भारी रोष जताया। हादसे की सूचना पर हॉस्पिटल में एसपी राजेन्द्र सिंह गोयल, डीएसपी भगवत सिंह हिंगड़ सहित तीन थानाधिकारी मय जाब्ता पहुंचे। चार लोगों की मौत की सूचना पर हॉस्पिटल में परिजनों की भारी भीड़ जमा हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया। पार्षद नानालाल बया ने नगर निगम की आपदा प्रबंधन समिति के पास कोई संसाधन नहीं होने और समय से रेस्क्यू नहीं कर पाने से भारी रोष व्यक्त किया।

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किसी को बेटे के खोने के गम था तो कोई पति के दर्द में बेसुध हो रहा था। बच्चे बिलख रहे थे। डेढ़ घंटे तक के लिए मानो एमबी हॉस्पिटल की इमरजेंसी में कोहराम सा मच गया। चार लोगों की मौत के बाद हॉस्पिटल में देर रात कुछ ऐसा ही माहौल था। जब कलेक्टर रोहित गुप्ता और एसपी राजेन्द्र प्रसाद गोयल परिजनों की सुध लेने पहुंचे तो मृतक गोपाल सिंह की पत्नी ने रोते-बिलखते कहा कि “मेरा सबकुछ छिन गया साहब। परिवार का कैसे गुजारा चलेगा। एसपी ने गोपाल की पत्नी को ढांढस बंधाया। गोपाल की पत्नी ने बताया कि वह नीमच से है और यहां उनके पति निगम में ठेकेदारी का काम करते हैं। कलेक्टर ने पार्षद नानालाल बया से पूछा कि दो दिन पहले सफाई हुई तो वापस सफाई की जरूरत कैसे पड़ी ? बया ने बताया कि निगम की टीम ने सफाई की थी, लेकिन दो-ढाई फीट मलबा टैंक में जमा था। जिसे निकालने के बाद ये हादसा हुआ। इस दौरान कलेक्टर-एसपी को क्षेत्रवासियों ने उन्होंने निगम की टीम को कई बार फोन किए थे। टीम समय पर पहुंचती तो जान बच सकती थी

Source: Dainik Bhaskar

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