गायत्री मंत्र एवं नमस्कार महामंत्र विश्व में सबसे शक्तिशाली
जो ध्यान न कर सकें, तपस्या न कर सकें, वे मंत्र का जाप तो कर ही सकते हैं। और चाहे कुछ न करें, पर प्रभु नाम की औषधि लेते रहे। मंत्र का जाप करते हुए भी श्रद्धापूर्वक, नियमपूर्वक, निष्ठा व सदाचार का पालन करते हुए जप कर ध्यान रूपी नौका से आप संसार के कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।
जो ध्यान न कर सकें, तपस्या न कर सकें, वे मंत्र का जाप तो कर ही सकते हैं। और चाहे कुछ न करें, पर प्रभु नाम की औषधि लेते रहे। मंत्र का जाप करते हुए भी श्रद्धापूर्वक, नियमपूर्वक, निष्ठा व सदाचार का पालन करते हुए जप कर ध्यान रूपी नौका से आप संसार के कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं। आध्यात्मिक मंत्रों से राग व द्वेष समाप्त होता है। जप के माध्यम से आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ा जा सकता है।
ये विचार साध्वी कनकश्रीजी ने बुधवार को श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से तेरापंथ भवन में पयुर्षण महापर्व कार्यक्रम के तहत छठे दिन जप दिवस की महत्ता बताते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे शक्तिशाली दो मंत्र हैं। गायत्री मंत्र एवं नमस्कार महामंत्र।
जप दिवस की महत्ता पर प्रवचनों के साथ साध्वीश्री ने भगवान महावीर की जीवन चरित्र यात्रा को आगे बढ़ाते हुए ‘विलक्षण बालक वर्धमानÓ विषयक प्रवचन में कहा कि माता त्रिशला के गर्भ से भगवान महावीर के जन्म के पश्चात् भगवान विष्णु ने महावीर का 1008 कलशों से मस्तकाभिषेक किया। साध्वीश्री ने 24 तीर्थंकर प्रभु के नामकरण, महाराज सिद्धार्थ द्वारा 10 दिन तक नगर में भगवान महावीर का जन्मोत्सव, बाल्यकाल में भगवान महावीर की विलक्षणता आदि के बारे में बताया। उन्होंने अनावश्यक हिंसा न करने, सजावट के लिए फूलों को न तोडऩे, पटाखों का प्रयोग नहीं करने तथा प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट जप करने का संकल्प दिलाया।
साध्वीश्री मधुलता ने जप दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मंत्र के दौरान माला कैसे फेरनी है और माला कहां रखें, यह ज्ञान भी आवश्यक है। माला फेरते समय एकाग्रता जरूरी है। माला जपने की अपनी विधि होती है। विधिपूर्वक माला जपने से निश्चित रूप से दुखों का निवारण होता है। प्लास्टिक की माला ना हो, माला को हृदय के पास रखकर फेरें, माला जमीन पर न छुएं, मध्यमा अंगुली व अंगूठे के प्रयोग से माला फेरे। उन्होंने नक्षत्रों के अनुसार एवं ज्योतिष के अनुसार माला को 108 बार फेरने को ग्रहों के अनुकल बताया।
सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि प्रतिदिन तेरापंथ समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं साध्वी श्री के सान्निध्य में पर्युषण में सामूहिक प्रतिक्रमण, नमस्कार महामंत्र का अखण्ड जाप,श्रमणोपासक दीक्षा शिविर आदि कार्यक्रमों में उल्लास से भाग लेकर धर्मलाभ ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को संवत्सरी पर्व आत्म चिंतन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। शाम को प्रतिक्रमण के बाद सामूहिक खमतखामणा की जाएगी। 30 अगस्त को मैत्री दिवस एवं सामूहिक पारणे का आयोजन होगा।
तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष अभिषेक पोखरना ने रात्रिकालीन प्रतियोगिता के बारे में बताया कि समूह गीत प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में रिंकल व समूह प्रथम, साक्षी व समूह द्वितीय, प्रक्षा व समूह तृतीय व वरिष्ठ वर्ग में मोनिका व समूह प्रथम, संगीता व समूह द्वितीय व जसवंत डागलिया व समूह तृतीय स्थान पर रहे।
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