गीतांजली के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों ने किया सफल इलाज
गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों ने 9 वर्षीय बच्ची को मेनिंगोकोक्सीमिया नामक गंभीर बीमारी से निजात दिला जान बचाई। इस बीमारी का सफल इलाज करने वाली टीम में बाल एवं शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ देवेंद्र सरीन, बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ दिलीप गोयल, डाॅ सुभाष बमनावत एवं डाॅ नीतू बेनीवाल, चर्म एवं गुप्त रोग विशेषज्ञ डाॅ निधीश अग्रवाल और बाल एवं शिशु गहन चिकित्सा ईकाई का समस्त स्टाफ शामिल थे।
गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों ने 9 वर्षीय बच्ची को मेनिंगोकोक्सीमिया नामक गंभीर बीमारी से निजात दिला जान बचाई। इस बीमारी का सफल इलाज करने वाली टीम में बाल एवं शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ देवेंद्र सरीन, बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ दिलीप गोयल, डाॅ सुभाष बमनावत एवं डाॅ नीतू बेनीवाल, चर्म एवं गुप्त रोग विशेषज्ञ डाॅ निधीश अग्रवाल और बाल एवं शिशु गहन चिकित्सा ईकाई का समस्त स्टाफ शामिल थे।
डाॅ सरीन ने बताया कि बांसवाड़ा निवासी निकू यादव (9 वर्ष) बेहोशी एवं गंभीर हालात में आपातकालीन स्थिति में गीतांजली हाॅस्पिटल के बाल एवं शिशु गहन चिकित्सा ईकाई में भर्ती हुई। उसके पूरे शरीर पर लाल दाने थे और प्लेटलेट्स केवल दस हजार रह गए थे। और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। ऐसी हालत में उसे तुरंत वेंटीलेटर पर लिया गया।
शुरुआती जांचों में मेनिंगोकोक्सीमिया विथ सेप्टीसीमिया नामक गंभीर बीमारी होने का पता चला। यह बीमारी संक्रमण के कारण होती है जिससे शरीर के सभी अंगों (मस्तिष्क से लेकर अधिवृक्क ग्रंथि तक) को क्षति पहुँचती है। इस बीमारी के कारण रक्तचाप भी बहुत कम हो जाता है और मृत्यु की आशंका अत्यधिक बढ़ जाती है। इसी बीमारी के कारण बच्ची को एक बार तान भी आई जिसका इलाज किया गया। साथ ही शरीर पर हो रहे लाल दानों के लिए चर्म एवं रति रोग विशेषज्ञ डाॅ निधीश अग्रवाल ने दवाईयों द्वारा इलाज किया। बच्ची को जीवित रखने के लिए लाइफ सेविंग ड्रग्स दी गई। ऐसी बीमारी के इलाज में पूर्ण एवं समर्पित देखभाल की आवश्यकता होती है, साथ ही शीघ्र इलाज मिलना भी जरुरी होता है। क्योंकि इस बीमारी के उपचार में केवल दवाईयाँ और देखभाल ही एक मात्र विकल्प रह गए थे, इसलिए समय-समय पर पूर्ण देखभाल और दवाईयों के विपरीत प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सटीक दवाईयों का प्रयोग अनिवार्य था जो कि चिकित्सकों के लिए एक बड़ी चुनौती थी जिसमें वे सफल रहे।
क्या होता है मेनिंगोकोक्सीमिया?
डाॅ सरीन ने बताया कि मेनिंगोकोक्सीमिया एक तरह का संक्रमण होता है जो निसेरिया मेनिनजाईटिस बैक्टीरिया के कारण शरीर में प्रवेश करता है। यह बैक्टीरिया सबसे ज्यादा बच्चों एवं युवा वयस्कों जिनकी प्रतिरक्षा कम होती है को प्रभावित करता है। इस बैक्टीरिया द्वारा हुए संक्रमण को आपातकालीन एवं शीघ्र चिकित्सकीय इलाज की आवश्यकता होती है अन्यथा मृत्यु की संभावना अत्यधिक हो जाती है।
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