ग़ालिब की शायरी इंसानियत की आवाज़ है- प्रो आई वी त्रिवेदी
मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग द्वारा आयोजित महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के जन्म दिवस पर अपने विचार रखते हुए कुलपति इंद्रवर्धन त्रिवेदी ने ग़ालिब को महान शायर बताया और कहा की उन की आवाज़ इंसानियत की आवाज़ थी, उन्होने पहले स्वतंत्रता संग्राम को अपनी आँखों से देखा था तथा आम आदमी के दुख दर्द को महसूस किया था।
मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग द्वारा आयोजित महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के जन्म दिवस पर अपने विचार रखते हुए कुलपति इंद्रवर्धन त्रिवेदी ने ग़ालिब को महान शायर बताया और कहा की उन की आवाज़ इंसानियत की आवाज़ थी, उन्होने पहले स्वतंत्रता संग्राम को अपनी आँखों से देखा था तथा आम आदमी के दुख दर्द को महसूस किया था।
कला महाविद्यालय के डीन प्रो शरद श्रीवास्तवा ने कहा की ग़ालिब बहुधर्मी मिजाज़ के इंसान थे और कट्टरता उन्हे छू भी नहीं पाई थी। उर्दू विभाग के अध्यक्ष और मशहूर शायर प्रो फ़ारूख़ बक्शी ने ग़ालिब के व्यक्तित्व पर और उनकी शायरी की बुनियादी सोच पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा की वो पूर्णतः धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे उनके शागिर्दों और दोस्तों में ईसाई भी थे और हिंदू भी।
इस कार्यक्रम में रोशन लाल चौफला द्वारा ग़ालिब के दीवान के अँग्रेज़ी संस्करण के अनुवाद का विमोचन भी कुलपति द्वारा किया गया।
खचाखच भरे हाल में प्रो भंडारी, डॉ. पामिल मोदी तथा डॉ. देवेन्द्र हरण ने अपनी खूबसूरत आवाज़ों मैं कलामे ग़ालिब पेश किया तो सारा हाल भावविभोर हो गया। प्रो प्रदीप तिरखा, प्रो एन एस राठोर ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रो माधव हाडा प्रो. पी आर व्यास , प्रो नीरज शार्मा तथा डॉ. जी.एस कुम्पावत भी मौजूद थे।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal