बुरहानिया लाइब्रेरी के डायमंड जुबिली समारोह में ग़ज़ल की महफ़िल जमी देर रात तक
बोहरा यूथ की संस्था दारूल मुतालिअतुल बुरहानिया का हीरक जयंति समारोह दिनांक 9 मार्च को बोहरा यूथ कम्युनिटी हॉल में समारोह पूर्वक मनाया गया।देर रात तक चले इस समोरह में शहर के मशहूर शायर और ग़ज़ल गायक डॉ. प्रेम भंडारी और देवेन्द्र सिंह हिरन ने एक से बढ़ कर एक ग़ज़लें और नज़्में पेश कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
बोहरा यूथ की संस्था दारूल मुतालिअतुल बुरहानिया का हीरक जयंति समारोह दिनांक 9 मार्च को बोहरा यूथ कम्युनिटी हॉल में समारोह पूर्वक मनाया गया।देर रात तक चले इस समोरह में शहर के मशहूर शायर और ग़ज़ल गायक डॉ. प्रेम भंडारी और देवेन्द्र सिंह हिरन ने एक से बढ़ कर एक ग़ज़लें और नज़्में पेश कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
ग़ज़ल गायक डॉ प्रेम भंडारी और देवेंद्र सिंह हिरण की जुगलबंदी ने उर्दू है मेरा नाम, एक ब्राह्मण ने कहा है यह साल अच्छा है, झूठी बात नहीं यह सच्ची राम कहानी है, उसकी कत्थई आँखों में जंतर मंतर सब, जंग मग़रिब में हो कि मशरिक में अमने आलम का ख़ून है आख़िर, ख़ून अपना हो या पराया हो, नस्ले-आदम का ख़ून है आख़िर सुनाकर श्रोताओ का दिल जीत लिया।
इससे पूर्व कार्यक्रम में विद्या भवन सोसायटी के अध्यक्ष अजय मेहता ने मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश के आज के वातावरण में ऐसे कार्यक्रमों की महत्ती आवश्यकता और प्रासंगिकता भी है। आज चारों तरफ़ जब वर्ग, वर्ण, जाति और भाषा को लेकर अराजकता फैली हुई है, ऐसे माहौल में इस प्रकार के साहित्यिक और अदबी संगम बहुत ज़रुरी हो गये हैं ताकि हमारे देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब अक्षुण्ण बनी रहे।
विशिष्ठ अतिथि वेदांता हिन्दुस्तान ज़िंक की वाईस प्रेसिडेंट नीलिमा खेतान ने कहा कि आज जब स्मार्ट फोन के ज़माने में लोग फेस बुक, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहें हैं, ऐसे में 75 वर्षीय बुरहानिया लाइब्रेरी के पुस्तकालय और वाचनालय का जीवित रहना ये बताता है कि पुस्तकों और प्रिंट मीडिया का स्थान कोई नहीं ले सकता।
उन्होंने कहा कि आज सरकारी-निजी स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा पोषित और सरंक्षित पुस्तकालय ही देखे जा रहें हैं, किसी समुदाय विशेष द्वारा 75 वर्षों से अत्यन्त अल्प साधन-सुविधाओं में पुस्तकालय संचालित करना बड़ी उपलब्धि है। इससे पूर्व दोनों अतिथियों ने समाज और संस्था के तीन कार्यकर्ता असगर अली जावरिया वाला को मरणोपरांत, सचिव याक़ूब ज़हीर और मंसूर अली नाथद्वारा वाला का शॉल ओढ़ा और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम में संरक्षक कमाण्डर मंसूर अली ने अतिथियों और आगंतुकों का स्वागत किया और सचिव याकूब ज़हीर ने संस्था का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। अंत में बुरहानिया लाइब्रेरी के अध्यक्ष अब्बास अली गुलशन ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन नासिर जावेद ने किया।
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