गीतांजली डेंटल के ग्रेजुएट कर पाएंगें इम्प्लांट


गीतांजली डेंटल के ग्रेजुएट कर पाएंगें इम्प्लांट

गीतांजली डेंटल एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट, उदयपुर एवं विश्व की नंबर 1 इंम्प्लांट कम्पनी नोबल बायोकेयर के मध्य गीतांजली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार भुपेंद्र मंडलिया एवं गीतांजली डेंटल के प्राचार्य डाॅ निखिल वर्मा ने एमओयू किया। नोबल बायोकेयर के डाॅ रवि बत्रा ने बताया कि इम्प्लांट प्रशिक्षण के लिए पूरे देश से सर्वप्रथम ग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए गीतांजली डेंटल काॅलेज का चयन किया गया है।

 
गीतांजली डेंटल के ग्रेजुएट कर पाएंगें इम्प्लांट

गीतांजली डेंटल एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट, उदयपुर एवं विश्व की नंबर 1 इंम्प्लांट कम्पनी नोबल बायोकेयर के मध्य गीतांजली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार भुपेंद्र मंडलिया एवं गीतांजली डेंटल के प्राचार्य डाॅ निखिल वर्मा ने एमओयू किया। नोबल बायोकेयर के डाॅ रवि बत्रा ने बताया कि इम्प्लांट प्रशिक्षण के लिए पूरे देश से सर्वप्रथम ग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए गीतांजली डेंटल काॅलेज का चयन किया गया है।

इस एमओयू के अंतर्गत गीतांजली डेंटल काॅलेज के बीडीएस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे स्नातकोत्तर में जाने से पहले वे इम्प्लांट करने में सक्षम होंगे। अब तक देश में केवल 8 स्नातकोत्तर काॅलेज के विद्यार्थियों को ही इम्प्लांट पर प्रशिक्षण दिया जाता रहा है। यह इम्प्लांट उन रोगियों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है जिनके दाँत नहीं होते, वृ़द्ध लोगों की पूरी बत्तीसी फिट करना, स्क्रू द्वारा दाँत फिट करना इत्यादि।

प्रशिक्षण के पहले ही दिन विद्यार्थियों ने 9 रोगी जिनकी हड्डी नहीं थी, उनमें बाहर से हड्डी को ग्राफ्ट कर इम्प्लांट को प्रत्यारोपित किया गया जो काफी जटिल सर्जरी होती है। यह इम्प्लांट रोगियों को रियायती दरों पर उपलब्ध होगा जिससे हर वर्ग के लोग इसका लाभ ले सके। यह प्रक्रिया दाँतों को प्राकृतिक रुप देने में प्रयासबद्ध है। यह प्रशिक्षण ‘यूनिवर्सिटी एजुकेशन प्रोग्राम’ के नाम से होगा जिसमें उत्र्तीण होने पर छात्रों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए जाएंगें।

डाॅ निखिल वर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी एजुकेशन प्रोग्राम तीन मोड्यूल में छः महीने की ट्रेनिंग के साथ पूरा होगा। पहले मोड्यूल में डाॅ रवि बत्रा के दिशा-निर्देश में विद्यार्थी इम्प्लांट को प्रत्यारोपित करेगें। दूसरे मोड्यूल में दाँतों को प्रत्यारोपित किया जाएगा एवं तीसरे मोड्यूल में इम्प्लांट से जुड़ी जटिलताएं एवं नवीन प्रक्रियाओं पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण के लिए जीडीआरअई के बीडीएस फाइनल वर्ष के 13 विद्यार्थियों ने रजिस्टर किया है। पूरे देश से ग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए एकमात्र गीतांजली डेंटल काॅलेज के चयनित होने पर सभी को बधाई दी।

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