गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में बी.टेक के विद्यार्थियों ने टिड्डी एवं वन्य जीव नियंत्रक उपकरण बनाकर और इसे पेटेंट कराकर पूरे उदयपुर का नाम रोशन किया हैं।
संस्थान के निदेशक डाॅ. विकास मिश्र ने बताया कि पेटेंट ट्रेड मार्क, काॅपी राइट, आदि सब इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी राईट के तहत आते हैं, यानी ऐसा प्रोडक्ट जो युनिक हैं तथा क्रिएटिव दिमाग की उपज हैं। राजस्थान में टिड्डीयों एवं वन्य जीवों से काफी मात्रा में फसलों का नुकसान होता हैं। इसी नुकसान से बचने के लिए इस सौर ऊर्जा द्वारा संचालित आई ओ टी आधारित उपकरण का निर्माण असिस्टेंट प्रोफेसर लतीफ़ खान के निर्देशन में छात्र मोहम्मद अतीक़ समा, शुभम वागरेचा, लोकेश भट्ट, मोहम्मद उज़ैर टाक, भैरूलाल चौधरी, रोशन खान मेव, रितिका गर्ग, भीरताडिया केत, कनिष्क सिंह चौहान के द्वारा बनाया गया है । यह उपकरण आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित हैं ।
असिस्टेंट प्रोफेसर लतीफ़ खान ने बताया कि 360 डिग्री कोण से घुमने वाला यह उपकरण एक पोल पर लगाया जाता हैं जो टिड्डी एवं वन्य जीवों के इमेज को प्रोसेस कर उसके अनुसार अल्ट्रासोनिक साउण्ड पैदा करता हैं। जिससे टिड्डी समेत अन्य वन्य जीव किसान के खेतों से दूर चले जाते है। इस प्रकार किसान के फसल की रक्षा हो जाती है।
संस्थान के डीन स्टुडेंट वेलफेयर डाॅ. राजीव माथुर के अनुसार गिट्स के छात्रों द्वारा बनाया गया यह इलेक्ट्रोनिक उपकरण किसानों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ हैं। अब किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए 24 घण्टे खेत में नहीं रहना पडेगा।
वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड के अनुसार यह गिट्स के फेकल्टी एवं विद्यार्थियों के अथक परिश्रम का नतीजा हैं। गिट्स के तरफ से एक ही वर्ष के भीतर चौथा समाजोपयोगी उपकरण पेंटेंट हो चुका है।
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