जबड़े के कैंसर से झूझ रहे गंभीर रोगी को कैंसर एवं ह्रदय रोग विभाग के संयुक्त प्रयासों से मिला नया जीवन


जबड़े के कैंसर से झूझ रहे गंभीर रोगी को कैंसर एवं ह्रदय रोग विभाग के संयुक्त प्रयासों से मिला नया जीवन

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एन्ड हॉस्पिटल
 
GMCH

गीतांजली हॉस्पिटल सर्व सुविधाओं से युक्त हॉस्पिटल है। यहाँ आने वाले रोगियों को मल्टी डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण द्वारा इलाज किया जाता है। अभी हाल ही में भीलवाड़ा के रहने वाले 40 वर्षीय रोगी का काफी चुनौतियों के बाद सफल ऑपरेशन करके रोगी को नया जीवन प्रदान किया गया। इस हाई रिस्क ऑपरेशन को कैंसर सर्जन डॉ. आशीष जाखेटिया, डॉ. अरुण पाण्डेय एवं एनेस्थिस्ट डॉ . नवीन पाटीदार तथा कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. डैनी मंगलानी व उनकी टीम द्वारा किया गया। 

कैंसर सर्जन डॉ आशीष ने बताया कि 40 वर्षीय रोगी जब गीतांजली कैंसर सेंटर आया उसको पहले जीभ का कैंसर था जिसका इलाज अहमदाबाद के निजी हॉस्पिटल में रेडियोथेरेपी एवं कीमोथेरेपी से हुआ था। छः माह पश्चात् रोगी के मुँह के नीचले जबड़े में कैंसर फैल गया चूँकि रोगी के मुँह में ये दूसरा कैंसर था और काफी जल्दी हुआ था, रोगी की उम्र अधिक नही थी इस कारण इस कैंसर का तुरंत इलाज करना आवश्यक था। 

रोगी व उसके परिवार के साथ डॉक्टर्स की ट्यूमर बोर्ड की मीटिंग की गयी, जिसमें मेडिकल, सर्जिकल, रेडिएशन, पेन मैनेजमेंट की टीम सम्मिलित थी। रोगी की स्थिति को देखते हुए रोगी की सर्जरी करने का निर्णय लिया गया, इसके पश्चात् रोगी की सर्जरी के लिए आवश्यक सभी जांचे की गयी। जांचो में पता लगा कि रोगी के ह्रदय का वाल्व जोकि खून को शरीर में धकेलता है वह सिकुड़ा हुआ था और इस वजह से खून का प्रवाह भी पूरी तरह से शरीर में नही जा रहा था ऐसे में रोगी का जबड़े का ऑपरेशन करने में जोखिम हो सकता था, गीतांजली हॉस्पिटल के ह्रदय रोग विशेज्ञ डॉ. डैनी मंगलानी से सलाह ली गयी। 

डॉ. डैनी ने बताया कि प्रायः ऐसी स्थिति होने पर रोगी का पी.ई. वाल्व बदला जाता है। परन्तु यदि रोगी के ह्रदय का ऑपरेशन किया जाता तो कैंसर का ऑपरेशन करना संभव नहीं हो पाता। ऐसे में कैंसर व ह्रदय रोग विभाग की टीम द्वारा एक साथ निर्णय लिया गया, ह्रदय रोग विशेषज्ञों टीम द्वारा रोगी की मिनिमल इनवेसिव सर्जरी द्वारा वाल्वोटॉमी की गयी और छेद के माप को बड़ा कर दिया ये काफी दुर्लभ प्रक्रिया है। 

इसके पश्चात् कैंसर पेन एंड मैनेजमेंट एनेस्थेसियोलोजिस्ट डॉ नवीन पाटीदार व टीम द्वारा रोगी का सम्पूर्ण मूल्यांकन किया गया चूँकि रोगी के केस में जोख़िम बहुत था, ऐसे में कैंसर व ह्रदय रोग विभाग के डॉक्टर्स की टीम द्वारा रोगी का ऑपरेशन करने के लिए उसे तैयार किया गया, इसके पश्चात् रोगी की रेडिकल सर्जरी की गयी जिसमें लगभग 5 घंटे का समय लगा। ऑपरेशन के पश्चात् रोगी का कैंसर एवं ह्रदय रोग विभाग की टीम द्वारा निरिक्षण जारी रहा। 

ऑपरेशन के बाद सातवें दिन रोगी को छुट्टी दे दी गयी। रोगी के ऑपरेशन को 8 माह हो चुके हैं, रोगी अभी स्वस्थ है एवं अपनी दिनचर्या निर्वाह करने में समर्थ है। डॉ आशीष ने कहा कि रोगी की गंभीर स्थिति होने के बावजूद भी रोगी का सफल इलाज हो सकता है। गीतांजली हॉस्पिटल में अनुभवी टीम और मल्टीडीसीप्लिनरी अप्प्रोच के साथ जटिल ऑपरेशन किये जा रहे हैं, जिससे रिस्क और भी कम हो जाता है। 

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल पिछले सतत् 15 वर्षों से एक ही छत के नीचे सभी विश्वस्तरीय सेवाएं दे रहा है और चिकित्सा क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करता आया है, गीतांजली हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर्स व स्टाफ गीतांजली हॉस्पिटल में आने प्रत्येक रोगी के इलाज हेतु सदेव तत्पर है। 

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal