उदयपुर। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर एन.ए.बी.एल से केंद्रीय प्रयोगशाला की मान्यता प्राप्त कर सम्पूर्ण दक्षिणी राजस्थान का पहला मेडिकल कॉलेज एवं मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बन गया है।
सीईओ प्रतीम तम्बोली ने बताया कि गीतांजली हॉस्पिटल हमेशा अग्रणी रूप से हेल्थकेयर, गुणवत्ता एवं शोध पर ध्यान देता आया है व अपनी जिम्मेदारियों को निभाता आया है। आज पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है और संक्रिमितों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। ऐसे में गीतांजली हॉस्पिटल ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल को मान्यता दिलवाना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य था। गीतांजली की पूरी टीम के अथक प्रयास एवं कड़ी मेहनत ने इतने कम समय में इसे प्राप्त कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
सीईओ ने सभी का धन्यवाद करते हुए इस क्षण को बहुत ही गौरवपूर्ण एवं ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। गीतांजली माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एच.ओ.डी डॉ. ए.एस. दलाल व वायेरोलोजी इंचार्ज डॉ. उपासना भूम्बला व डिप्टी इंचार्ज डॉ. प्रग्नेश द्वारा आर.टी.पी.सी.आर लैब का क्रियान्वन किया जायेगा।
उदयपुर के गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल का एन.ए.बी.एल से प्रमाणित होना उदयपुर ही नही बल्कि पूरे राजस्थान के लिए बहुत गर्व की बात है। कोरोना महामारी के दौरान में यह मान्यता प्राप्त कर जीएमसीएच एक प्ररेणास्त्रोत के रुप में स्थापित हो चुका है।
जीएमसीएच को एन.ए.बी.एल से मान्यता से स्पष्ट है कि यहां काम करने वाले डॉक्टर, अन्य हेल्थ केयर प्रोफेशनल और प्रबंधन टीम ने अथक प्रयास और जुनून से यह प्रतिष्ठा पायी है।
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