अभिनया के कुचिपुड़ी में कृष्ण संग खेली गोपिकाएं

अभिनया के कुचिपुड़ी में कृष्ण संग खेली गोपिकाएं

उदयपुर, 1 सितम्बर 2019 । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से शिल्पग्राम में आयोजित तीन दिवसीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य समारोह “मल्हार” के दूसरे दिन नई दिल्ली की अभिनया नागज्योति के लावण्यपूर्ण कुचिपुड़ी नृत्य ने शास्त्रीय शैली का समां सा बांध दिया। कुचिपुड़ी शैली में ही एक रचना में भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोवर्धन […]

 

अभिनया के कुचिपुड़ी में कृष्ण संग खेली गोपिकाएं

उदयपुर, 1 सितम्बर 2019 । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से शिल्पग्राम में आयोजित तीन दिवसीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य समारोह “मल्हार” के दूसरे दिन नई दिल्ली की अभिनया नागज्योति के लावण्यपूर्ण कुचिपुड़ी नृत्य ने शास्त्रीय शैली का समां सा बांध दिया। कुचिपुड़ी शैली में ही एक रचना में भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाये जाने के प्रसंग का चित्रण श्रेष्ठ बन सका।

शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में शनिवार शाम आंध्रप्रदेश के कुचिपुड़ी गांव से प्रस्फुटित शास्त्रीय शैली कुचिपुड़ी की नामचीन हस्ताक्षर व युवा नृत्यांगना अभिनया नागज्योति उनकी सखियों ने विभिन्न रचनाओं से दर्शकों को भावातिरेक सा कर दिया। पिता पी. नागज्योति और माता साता नागज्योति की शिष्या अभिनया के नर्तन की शुरूआत गुरू मां सीता नागज्योति द्वारा रचित वाणीकी वंदन से हुई जिसमें उन्होंने सहनेत्रियों के साथ मां सरस्वती की वंदना की। जिसमें नृत्य की तकनीक और विशुद्ध कुचिपुड़ी का प्रदर्शन जतिस्वरम् से दर्शाया।

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प्रस्तुति में आंगिक विन्यास और भाव सम्प्रेषण श्रेष्ठ बन सका। इसके बाद उन्होंने अन्नामै कृति ‘‘ओकपरि’’ में भगवान वैंकटेश के सौन्दर्य के वर्णन के साथ उनके महिमा को दर्शाया। कुचिपुड़ी शैली की एक अन्य रचना ‘‘कृष्ण शब्दम’’ में नृत्यांगनाओं ने श्रीकृष्ण का पारंपरिक रूप से स्वागत किया। प्रस्तुति में गोपियां कृष्ण को अपने पास बुलाती हैं व वे आंगन बुहारने के साथ स्वयं श्रृंगार कर अपने आराध्य को आमंत्रित कर पुष्पहार से उनका स्वागत करती हैं। प्रस्तुति में दृश्यों की कल्पना दर्शनीय बन सकी। इसके अलावा अनामै एक एक अन्य कृति दर्शकों द्वारा सराही गई जिसमें भगवान विष्णु के वामन अवतार व राजा बलि के प्रसंग का वर्णन किया गया।

अभिनया के कुचिपुड़ी में कृष्ण संग खेली गोपिकाएं

अपनी सखी कलाकार श्रीतनया शर्मा, एम.एस.वी. वैष्णवी, आकृति अग्रवाल, बबिता फुकन, साई शिरीषा भमेड़ी और नेहा सिन्हा के साथ अभिनया नागज्योति ने ‘‘तरंगम्’’ में पारंपरिक कुचिपुड़ी के साथ नृत्यांगनाओं ने पीतल की तश्तरियों पर अनूठे संतुलन का प्रदर्शन कर दर्शकों को सम्मोहित सा कर दिया। इससे पूर्व गुरू सीता नागज्याति तथा महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन के भूपेन्द्र सिह आहवा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की।

तीन दिवसीय मल्हार के आयोजन के अंतिम दिन रविवार को नोएडा की अनु सिन्हा द्वारा कत्थक प्रस्तुत किया जायेगा।

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