जीएसटी विरोध: तीन दिन कपडा व्यापार बंद रहा तो हार्डवेयर एसोसिएशन ने कहा टैक्स दर न्यायसंगत नहीं
केंद्र सरकार के कपडे पर 5 प्रतिशत जीएसटी टैक्स लगाए जाने के विरोध में तीन दिवसीय राष्ट्र व्यापी कपडा व्यापार बंद उदयपुर में भी पूर्ण रूप से सफल रहा। शहर के खरीद 1250 व्यापारियों ने अपना व्यापार बंद रखा। दी उदयपुर हार्डवेयर एसोसिएशन ने केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये जीएसटी का स्वागत तो किया लेकिन सरकार द्वारा इस कारोबार पर लगाये गये 28 प्रतिशत टैक्स दर का विरोध किया है।
केंद्र सरकार के कपडे पर 5 प्रतिशत जीएसटी टैक्स लगाए जाने के विरोध में तीन दिवसीय राष्ट्र व्यापी कपडा व्यापार बंद उदयपुर में भी पूर्ण रूप से सफल रहा। शहर के खरीद 1250 व्यापारियों ने अपना व्यापार बंद रखा। करीब 300 व्यापारियों ने कोलपोल बड़ा बाज़ार में एकत्रित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जैटली और कपडा मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ नारेबाज़ी की एवं जीएसटी कानून को वापस लेने की मांग की।
इसी कड़ी में दोपहर 12 बजे मालदास स्ट्रीट चपलोतो के चौक में नेताओ के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया गया। यज्ञ में इन नेताओ की बुद्धि ठीक होने के लिए यज्ञ आहुतियों दी।
कोलपोल स्थित पोरवालों के नोहरे में एक बैठक आयोजित की गई जिसमे उदयपुर कपडा व्यापारी संघर्ष समिति के संयोजक हिम्मत सिंह बडाला, मदनलाल सिंघटवाडिया, बद्रीलाल जैन, नवनीत पारीख, नरेंद्र चव्हाण, कमल जैन, प्रमोद कोठरी, वेदप्रकाश अरोड़ा, संजय चपलोत, हसन अली हितावाला, हीरालाल रांका, प्रमोद कोठरी, दामोदर छाबडा, अनुभव जैन सहित 300 व्यापारियों ने भाग लिया तथा 30 जून को भारत बंद का पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया
दी उदयपुर हार्डवेयर एसोसिएशन जीएसटी के पक्ष में लेकिन टैक्स दर न्यायसंगत नहीं
दी उदयपुर हार्डवेयर एसोसिएशन ने केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये जीएसटी का स्वागत तो किया लेकिन सरकार द्वारा इस कारोबार पर लगाये गये 28 प्रतिशत टैक्स दर का विरोध किया है।
एसोसिएशन के फिरोज नाथ ने बताया कि हार्डवेयर कारोबार पर जहाँ पूर्व में मात्र साढ़े पांच प्रतिशत वैट था लेकिन अब उसे हटाकर उस पर 28 प्रतिशत जीएसटी टैक्स रेट लगा दी जो कतई न्याय संगत नहीं है। इस दर से गोदामों पर रखे माल की लागत बढ़ गई है। जो भी माल स्टॉक में रखा हुआ है उस पर अब पुनः नई दर से एमआरपी लगानी होगी।
हार्डवेयर का स्टॉक बहुत-बहुत छोटी वस्तुएं तथा अधिक मात्रा में होने के कारण उन पर पुनः एमआरपी लगाना संभव नहीं होता है। जीएसटी रिटर्न बहुत अधिक संख्या में है जो प्रधानमंत्री के टैक्स सरलीकरण के वादे के खिलाफ है। एसोसिएशन ने मांग की कि टैक्स दर को साढ़े पांच प्रतिशत है उसे जीएसटी की 5 प्रतिशत के स्लेब में ही रखा जाना चाहिये।
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