1 जुलाई से लागु होगा जी एस टी : वित्त मंत्री अरुण जेटली


1 जुलाई से लागु होगा जी एस टी : वित्त मंत्री अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन का स्पष्ट रोडमैप देते हुए कहा कि यह सही रास्ते पर है और 1 जुलाई से लागू हो जाएगी। जेटली ने जीएसटी परिषद की यहां हुई 11वीं बैठक के बाद कहा कि यह (जीएसटी) सही रास्ते पर दिख रहा है। ऐसा लगता है कि इसे 1 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा।

 
1 जुलाई से लागु होगा जी एस टी : वित्त मंत्री अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन का स्पष्ट रोडमैप देते हुए कहा कि यह सही रास्ते पर है और 1 जुलाई से लागू हो जाएगी। जेटली ने जीएसटी परिषद की यहां हुई 11वीं बैठक के बाद कहा कि यह (जीएसटी) सही रास्ते पर दिख रहा है। ऐसा लगता है कि इसे 1 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि परिषद ने शनिवार को केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के विधेयक के मसौदे को शनिवार को मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि मुआवजा विधेयक के मसौदे को परिषद की 18 फरवरी को उदयपुर में हुई पिछली बैठक में मंजूरी दे गई थी। अब दो और मसौदा कानून अनुमोदन के लिए शेष है।

जेटली ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी (यूटीजीएसटी) और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) विधेयक के मसौदे पर 16 मार्च को होने वाली परिषद की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी। एसजीएसटी और यूटीजीएसटी केवल सीजीएसटी की प्रतिकृति है। इसलिए इन मसौदों को पारित करना केवल एक औपचारिकता भर है।

जेटली ने कहा कि एक बार जब इन्हें परिषद से मंजूरी मिल जाएगी तो ये चारो कानून – मुआवजा, यूटीएसटी, सीजीएसटी और आईजीएसटी को मंत्रिमंडल और संसद के आने वाले सत्र में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इस दौरान एसजीएसटी मसौदा विधेयक को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं द्वारा पारित कराया जाएगा।

यूटीजीएसटी मसौदा विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों जैसे अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन और दीव और दादर और नागर हवेली के लिए लाया गया है, जहां विधानसभाएं नहीं हैं।

पांच मसौदा कानून के अनुमोदन के साथ ही जीएसटी परिषद की विधायी कार्यवाही खत्म हो जाएगी। इसके बाद वस्तुओं और सेवाओं को कर की दरों 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के अंतर्गत रखने के लिए परिषद की एक और बैठक होगी।

जेटली ने कहा कि जीएसटी में केवल चार दरें रखी गई हैं। कोई भी दर उच्च दर नहीं है। कैप्ड रेट हमेशा थोड़ी ज्यादा रखी जाती है ताकि कुछ स्थान खाली हो। जबकि बाध्य दर और लागू की दर अलग-अलग होती है। परिषद ने सीजीएसटी, एसजीएसटी की अधिकतम दर को 14 से 20 फीसदी तक रखा है, जिससे अधिकतम दर 40 फीसदी तक पहुंच सकती है।

राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने इस दौरान संवाददाताओं से कहा कि कर की दरों को तय कर लिया गया है और अब इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन अधिकतम सीमा बनाने के लिए परिषद ने दरों की स्लैब थोड़ी ज्यादा रखी है ताकि पांच सालों बाद एक बार फिर समीक्षा की जा सके, जब राज्यों को मुआवजे की जरूरत नहीं होगी और सेस दरों को भी जीएसटी में समाहित कर दिया जाएगा।

Source: Rajasthan Patrika

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