जीएसटी (GST): हैं तैयार हम


जीएसटी (GST): हैं तैयार हम

केंद्र ने मोडल जीएसटी कानून जून 2016 में पास करे दिया था और उसके बाद 17 राज्यों द्वारा इसे पास कर लिया गया है एवं राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलें के बाद जीएसटी परिषद् का गठन किया जा चुका है। परिषद् की पहली बैठक 22 एवं 23 सितम्बर को हो चुकी है जिसमे 20 लाख तक की बिक्री वाले व्यापारियों को कर के प्रावधानों से छूट देने कर निर्णय लिया गया है तथा केंद्र एवं राज्यों के अधिकार क्षेत्र का निर्णय लिया गया था। 30 सितंबर को होने वाली बैठक में पंजीकरण आदि से जुड़े प्रावधानों का निर्णय किया जायेगा। पंजीकरण की प्रावधानों को प्रकाशित किया गया है एवं सभी सम्बन्धित हितधारकों से राय मांगी गयी है। सरकार एव सरकारी विभाग जीएसटी अप्रेल 2017 से लागु करने की अपनी पूरी तैयारी में लगे है

 

जीएसटी (GST): हैं तैयार हमवस्तु  एव सेवा कर (जीएसटी) की तैयारियां चल रही हैं।  यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आगामी 1  अप्रेल 2017 से जीएसटी सारे  भारत में लागू हो जाएगा। जीएसटी को स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है।

कुछ विशेषज्ञ इसे भारत के आर्थिक विकास में एक नया अध्याय  बता रहे हैं।  सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की ये पहला केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर कानून होगा जो की जम्मू कश्मीर सहित पूरे भारत में एक साथ लागू  किया जा रहा है।  जीएसटी के लागू होने के पश्चात् निम्न अप्रत्यक्ष कर इसमें समाहित हो जायेंगे।

  • केंद्रीय उत्पाद शुल्क
  • राज्य में लागु वैट
  • सेवा कर
  • विलासिता कर
  • वस्तु  अथवा सेवा पर लगने वाले सेस   आदि

केंद्र ने मोडल जीएसटी कानून  जून  2016  में पास  करे दिया था और उसके बाद 17  राज्यों द्वारा इसे पास कर लिया गया है एवं राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलें के बाद जीएसटी परिषद् का गठन किया जा चुका  है।  परिषद् की पहली  बैठक 22  एवं 23  सितम्बर को हो चुकी है जिसमे 20 लाख तक की बिक्री वाले व्यापारियों को कर के प्रावधानों से छूट देने कर निर्णय लिया गया है  तथा केंद्र एवं  राज्यों  के अधिकार क्षेत्र  का निर्णय लिया गया था।  30  सितंबर को होने वाली बैठक में पंजीकरण आदि से जुड़े प्रावधानों का निर्णय किया जायेगा।  पंजीकरण की प्रावधानों को  प्रकाशित किया गया है एवं  सभी सम्बन्धित हितधारकों से राय मांगी गयी है।  सरकार एव सरकारी विभाग जीएसटी अप्रेल 2017  से लागु करने की अपनी पूरी तैयारी में लगे है।

अब आवश्यकता है सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों , चार्टर्ड  एकॉउंटेंट्स  एव कर सलाहकारों आदि को इसकी पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।  इस नए परिवर्तन से व्यापारियों को जो ध्यान रखने जैसी बाते हैं वो हैं :

  1. जीएसटी के अंतर्गत पंजीकरण की औपचारिकताएं
  2. अपने व्यवसाय में  प्रयुक्त होने वाले सभी उत्पादों की जीएसटी दरे  समझना एवं  उन दरों से अपने व्यवसाय पर होने वाले प्रभाव को समझना
  3. वर्तमान में व्यापार में शेष रहे स्टोक्स का मूल्याङ्कन एवं  जीएसटी द्वारा निर्धारित घोषणा ताकि भविष्य में  समुचित इनपुट टैक्स मिल सके
  4. एसटी के नए रिटर्न की आवश्यकता अनुसार अपने व्यापार की सूचना को रखना
  5. जीएसटी के प्रावधानों के अनुसार सारे रिटर्न भरने की तैयारी रखना एवं
  6. प्रावधानों के अनुसार जब भी रिकॉर्ड्स की जांच अथवा अंकेक्षण की ज़रूरत हो उसके लिए तैयार रहना

अभी बहुत सारे नियम बनने बाकी हैं एवं बहुत से नए परिवर्तन सामने आएंगे।  इन नियमों को अपने चार्टर्ड एकाउन्टेंट /कर सलाहकार से समझना एवं  उन्हें अपने व्यापार  में लागु करना।

Author:

  CA Kishore Kumar Pahuja

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