शबद कीर्तन में गुरू तेग बहादुर को किया याद
सिक्ख समाज उदयपुर द्वारा आज से हिरण मगरी से. 4 स्थित गुरूनानक गर्ल्स कॉलेज में प्रारम्भ हुए दो दिवसीय श्री गुरू तेग बहादुर-हिन्द की चादर का 338वें शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शबद कीर्तन की गूंज के साथ ही गुरू तेग बहादुर के शहीद की कथा सुनाई गई।
सिक्ख समाज उदयपुर द्वारा आज से हिरण मगरी से. 4 स्थित गुरूनानक गर्ल्स कॉलेज में प्रारम्भ हुए दो दिवसीय श्री गुरू तेग बहादुर-हिन्द की चादर का 338वें शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शबद कीर्तन की गूंज के साथ ही गुरू तेग बहादुर के शहीद की कथा सुनाई गई।
सिक्ख समाज गुरू सच्चाखण्ड दरबार के अध्यक्ष तेजेन्द्र सिंह रोबिन ने बताया कि, रविवार को प्रात:10 से 2 बजे तक इसी गुरूद्वारे में भोपाल से आये पंच प्यारे अमृतसंचार कार्यक्रम के तहत 31 जनों को अमृतपान करायेंगे। जिसमें बच्चें, युवा, बुजुर्ग, महिला एवं पुरूष सभी शामिल होंगे।
मनमोहनसिंह वासल एवं राजेन्द्र सिंह सुखी ने बताया कि इसी दौरान हिरण मगरी से. 4 स्थित गुरूनानक गल्र्स कॉलेज परिसर में प्रात: 10 से दोपहर 2 बजे तक सिक्ख समाज,गुरू तेग बहादुर हॉस्पीटल व रक्तदान-महादान ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में रक्तदान किया जाएगा। इसी दिन समाज के प्रतिभावान बच्चों को भी सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान अमृतसंचार का भी आयोजन होगा।
आज सम्पन्न हुए कार्यक्रम में करनाल वाले कश्मीरसिंह एवं जत्थे ने ‘तिलक जंझू राखा प्रभ ताका,कीनो बडो कलू में साका’ अर्थात तिलक व जनेऊ की रक्षार्थ ढाल बनते हुए अपना शीश औरंगजेब के समक्ष प्रस्तुत कर इतिहास में उसे बलिदान के रूप में प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त जत्थे ने ‘गुरू तेग बहादुर सिमरिये,घर नोन नीद आवे ताहे’ भी शबद कीर्तन प्रस्तुत कर इसकी व्याख्या की। इस अवसर पर देहरादून वाले अजमेरसिंह का जत्था ने भी शबद कीर्तन प्रस्तुत किया।
परमजीतसिंह व देवेन्द्रसिंह ने बताया कि, शहीदी दिवस कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में सम्पूर्ण सिख समाज ने भाग लेकर गुरू तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया। प्रारम्भ में ग्रन्थियों द्वारा पाठ किया गया।
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