कड़ी मेहनत व तीव्र इच्छा शक्ति जीवन धारा का रूख बदल सकती है


कड़ी मेहनत व तीव्र इच्छा शक्ति जीवन धारा का रूख बदल सकती है

राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय में युवा विकास केन्द्र के तत्वावधान में ‘विद्यार्थी उन्मुख विकास’ परिचर्चा के आयोजन में नवीन जैन निदेशक, कॉलेज शिक्षा राजस्थान ने प्रेरक व्याख्यान दिया जो महाविद्यालय में कार्यरत संकाय सदस्यों एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए मोटिवेशनल काउंसलिंग परक रहा।

 
कड़ी मेहनत व तीव्र इच्छा शक्ति जीवन धारा का रूख बदल सकती है

राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय में युवा विकास केन्द्र के तत्वावधान में ‘विद्यार्थी उन्मुख विकास’ परिचर्चा के आयोजन में नवीन जैन निदेशक, कॉलेज शिक्षा राजस्थान ने प्रेरक व्याख्यान दिया जो महाविद्यालय में कार्यरत संकाय सदस्यों एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए मोटिवेशनल काउंसलिंग परक रहा।

व्याख्यान में नवीन जैन ने बताया कि महाविद्यालय में कक्षायें नियमित होने से एक विद्यार्थी के उपस्थिति रहने पर भी कक्षायें होने से पढ़ाई का माहौल तैयार होता है। विद्यार्थी पास-बुक के स्थान पर पांच वर्ष के प्रश्न पत्रों के आधार पर तैयारी करें तथा कैरियर बनाने की ईच्छा से पढ़ाई करें। इससे ग्रामीण परिवेश, हिन्दी मीडियम सरकारी कॉलेज तथा बोर्ड का प्रभाव नहीं होता बल्कि विद्यार्थी की मेहनत ही मुख्य है।

व्याख्याताओं को सजग विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें प्रेरित कर आगे बढ़ाना चाहिये क्योंकि इससे समस्त समाज पर प्रभाव पड़ेगा। जैन ने कई उदाहरण तथा कहानियों से ईच्छा शक्ति जाग्रत कर विद्यार्थियों तथा व्यख्याताओं को शिक्षा क्षेत्र में विकास हेतु प्रेरणा दी।

निदेशालय के डॉ. धीरेन्द्र देवर्षी, डॉ. पंकज माथुर एवं वनफूल अग्रवाल की टीम ने कुछ रोचक खेल एवं तथ्यों के साथ विद्यार्थियों को शैक्षणिक सन्दर्भों की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा रोज़गार के साथ-साथ हमारे व्यक्तित्व निर्माण का कार्य भी करती है जैसे मूल्य अभिवृद्धि, नेतृत्व का गुण, निर्णायक क्षमता एवं प्रभावी सम्प्रेषण में भी अभिवृद्धि करती है।

वातावरण निर्माण की इस भूमिका के साथ वन्देमातरम् से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। प्राचार्य डॉ. सविता जोशी, उपाचार्य डॉ. शोभा देवपुरा, सहायक निदेशक डॉ. तराना परवीन, युवा विकास केन्द्र प्रभारी डॉ. प्रियम्वदा तिलक एवं छात्रासंघ अध्यक्षा अंजलि भनात द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत अभिवादन किया गया।

प्राचार्य डॉ. सविता जोशी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि हमारा एक-एक बच्चा सौ के बराबर है और हमारे महाविद्यालय की सीमाओं और उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया।

इसके बाद युवा विकास केन्द्र प्रभारी डॉ. प्रियम्वदा तिलक ने बताया कि इसकी नींव 2009 में रखी गई एवं एन.एस.एस., एन.सी.सी., महिला प्रकोष्ठ, प्लेसमेंट सेल, मानवाधिकार सेल और रेंजरिंग की गतिविधियों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी।

बैंक ऑफ इंण्डिया के प्रबन्ध निदेशक गौतम, खेल अधिकारी डॉ. अक्षय शुक्ला एवं संगीत व्याख्याता डॉ. दुश्यन्त त्रिपाठी के सहयोग से इन सभी क्षेत्रों के पुरस्कार वितरण के बाद एन.एस.एस. प्रभारी डॉ. मनीषा चौबिसा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. मंजु त्रिपाठी, डॉ. वैशाली देवपुरा एवं डॉ. श्रुति टण्डन ने किया। अन्त में राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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