श्री वल्लभाचार्य के 18वें वंशज बडौदा कामवन के हरिराय बावाश्री करेंगे कथा वाचन


श्री वल्लभाचार्य के 18वें वंशज बडौदा कामवन के हरिराय बावाश्री करेंगे कथा वाचन

उदयपुर जिला वैश्य महासम्मेलन की और से 25 दिसम्बर से राजस्थान महिला विद्यालय मैदान मे दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक अयोजित होने वाली 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन से उदयपुर मे एक धार्मिक वातावरण बनेगा। इस श्रीमद् भागवत महोत्सव मे खास तौर से शुद्धाद्वयित ब्रम्हवाद पुष्ठीमार्गीय पीठाधीश्वर अनंत श्री से विभूषित घनश्याम लाल महाराज के पौत्र और जगत गुरू श्रीमद् वल्लभाचार्य के 18वें वंशज बडौदा कामवन के हरिराय बावाश्री श्री सुबोधनी आधारित भागवत कथा का रसपान करायेंगे। बावाश्री पिछले कई सालों से भागवत कथा का वाचन कर रहे है, और देश ही नही बल्कि विदेशों मे भी धर्म के प्रचार - प्रसार को लेकर भागवत कथा पाठ कर चुके है।

 
श्री वल्लभाचार्य के 18वें वंशज बडौदा कामवन के हरिराय बावाश्री करेंगे कथा वाचन
उदयपुर जिला वैश्य महासम्मेलन की और से 25 दिसम्बर से राजस्थान महिला विद्यालय मैदान मे दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक अयोजित होने वाली 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन से उदयपुर मे एक धार्मिक वातावरण बनेगा। इस श्रीमद् भागवत महोत्सव मे खास तौर से शुद्धाद्वयित ब्रम्हवाद पुष्ठीमार्गीय पीठाधीश्वर अनंत श्री से विभूषित घनश्याम लाल महाराज के पौत्र और जगत गुरू श्रीमद् वल्लभाचार्य के 18वें वंशज बडौदा कामवन के हरिराय बावाश्री श्री सुबोधनी आधारित भागवत कथा का रसपान करायेंगे। बावाश्री पिछले कई सालों से भागवत कथा का वाचन कर रहे है, और देश ही नही बल्कि विदेशों मे भी धर्म के प्रचार – प्रसार को लेकर भागवत कथा पाठ कर चुके है।
श्रीमद् भागवत कथा के कथा वाचक हरिराय बावाश्री ने शनिवार को पत्रकारों से भेंट वार्ता के दौरान बताया कि इस अखण्ड भारत भूमि पर शंकराचार्य, माधवाचार्य, रामानुजाचार्य, निम्बकाचार्य और श्री वल्लभाचार्य जैसे पाँच महाचार्य हुए है। इनमे वल्भाचार्य जो सिर्फ ब्रम्ह को मानते है, उनके विवेचन के अनुसार सुबोधनी आधारित श्रीमद् भागवत कथा का वाचन किया जायेगा, जो आधुनिकता से जुडी होकर युवाओं को भी धर्म के प्रति जागरूक करेगी।
भव्य पोथी यात्रा से होगा शुभारंभ
बावाश्री ने बताया कि भागवत भगवान की भव्य पोथी यात्रा 25 दिसम्बर को तीज का चौक स्थित बाईजी राज का कुण्ड से सुबह 11 बजे प्रारंभ होगी। पोथी यात्रा मे हजारों भक्तगण भागवत भजनों पर पूर्ण धार्मिक वातावरण का निर्माण करते हुए शहर के विभिन्न मार्गो से होकर कथा स्थल पहुचेंगे। पोथी यात्रा मे मौजूद हाथी, घोडे, बैण्ड और ऊँट गाडियो पर सु-.सज्जित भव्य झाँकिया आकर्षण का केन्द्र होगी। कथा के पहले दिन भागवत का माहत्मय बताया जायेगा और उसके बाद हर रोज भागवत कथा के अलग-अलग वृतान्तो का वाचन होगा। इन वृतान्तों के साथ ही श्रीकृष्ण जन्म, गिरिराज जी का कुण्डवाडा ,गोवर्धन लीला, रूक्मणी विवाह, वामन अवतार, नृसिंह अवतार आदि झांकिया भागवत के वाचन को और अधिक आकर्षक बनायेगी।
हजारों भक्तों को मिलेगा भागवत श्रवण का लाभ
महासम्मेलन के अध्यक्ष अनिल नाहर ने बताया कि भागवत कथा के रसपान का लाभ हर भक्त को मिले इसके लिए महासम्मेलन की टीम द्वारा गुजराती, ब्राम्हण, सुथार, जैन समाज विजयवर्गीय समाज सहित कई समाज अध्यक्षों के जरियें निमंत्रण पत्र भिजवाकर कथा मे आने का न्यौता दिया गया है। इसके साथ ही महासम्मेलन के सदस्यों द्वारा अभी तक करीब 10 हजार निमंत्रण पत्र बांटे जा चुके है। नाहर ने बताया कि भागवत कथा मे उदयपुर सहित बडौदा, गुजरात, राजकोट, मुम्बई, भीलवाडा आदि शहरों से हजारों भक्तों भागवत के श्रवण का लाभ लेने पहुंचेगे। भागवत महोत्सव को लेकर 5 संयोजको के रूप मे जानकीलाल मुन्दडा, सुभाष खण्डेलवाल, ओ.पी. अग्रवाल, टीनू माण्डावत एवं अशोक बाहेती को संयोजक बनाया गया है।
28 और 30 को संस्कार सत्र
नाहर ने बताया कि भागवत कथा के दौरान 28 और 30 दिसम्बर को भागवत कथा से पूर्व सुबह साढ़े 10 से साढ़े 12 बजे तक कथा स्थल पर ही संस्कार सत्र के आयोजन किये जायेंगे। जिसमे 28 दिसम्बर को मेटिवेशनल स्पीकर सुनील लड्ढ़ा खुशियों का ठिकाना फनिस्तान विषय पर सभी को जागरूक करेंगे, और 30 दिसम्बर को परिवार की धूरी युवा विषय पर आचार्य सुनील सागर मार्गदर्शन करेंगे।
महाप्रसादी व यज्ञ से होगी पुर्णाहूति
महासम्मेलन के कोषाध्यक्ष प्रकाश चेचाणी ने बताया कि भागवत महोत्सव के दौरान रोजाना हजारों भक्तों को प्रसाद का वितरण किया जायेगा इसके साथ ही कथा के अंतिम दिन 31 दिसम्बर को पूर्णाहूति यज्ञ के साथ महाप्रसादी का आयोजन किया जायेगा। रात को नववर्ष के स्वागत स्वरूप भव्य खाटू श्याम भक्ति संध्या का आयोजन किया जायेगा, जिसमें इंदौर की नवीन शर्मा एंड पार्टी द्वारा भजनों की संगीतमय प्रस्तुतियाँ दी जायेगी।

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