हिंदी सभ्यता सिखाती है

हिंदी सभ्यता सिखाती है

मेरे देश में हर बात हाथ जोड के बोली जाती है.. 
 मुझे मेरी भाषा सभ्यता सिखाती है... 

 
हिंदी सभ्यता सिखाती है
मेरे देश में हर बात हाथ जोड के बोली जाती है..
मुझे मेरी भाषा सभ्यता सिखाती है…
पत्थरो को पूजना, नदियों में मोछ ढूंढना . यँहा अगिन को भी साक्षात देवो की उपाधि दी जाती है
मेरे देश में हर बात हाथ जोड के बोली जाती है..
कंही हल्दियो के छापे, तो रंगनी कही मांडने हैं, छम -छम  करती पायल चलती है तो संगीत सुनाती जाती है .मेरी भाषा सुर्य को भी भगवान बताती है
मेरे देश में हर बात हाथ जोड के बोली जाती है..
साडियाँ तन ढके, हया श्रृंगार करे . जो बात आए आन की तो औरते जौहर भी कर जाती है. मेरी भाषा मुझे अडिग रहना सिखाती है
मेरे देश में हर बात हाथ जोड के बोली जाती है..
सब को बाँह खोल अपनाती है, हर रंग में भी ढल जाती है.
हिंदी है तो हिन्द है, ये सीख हर रोज सिखलाती है
मेरे देश में हर बात हाथ जोड के बोली जाती है..
A poem on Hindi Divas contributed by Garima Sharma

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